लखनऊ। यूपी बार्ड के राजकीय विद्यालयों में 9वीं से 12वीं तक के लगभग चार लाख विद्यार्थियों के लिए इस माह से 15 जनवरी तक विशेष कक्षाएं चलाई जाएंगी। इस दौरान उन विषयों खासकर विज्ञान, गणित, हिंदी, अंग्रेजी आदि की विशेष तैयारी कराई जाएगी, जिसमें छात्र कमजोर हैं। माध्यमिक शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक शंभु कुमार ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
पहले विद्यार्थियों को कम अंक मिलने के कारणों का पता लगाया जाएगा। फिर विशेष कक्षाओं के दौरान विद्यार्थियों का तीन बार मूल्यांकन किया जाएगा। पहला मूल्यांकन 1 से 10 अक्तूबर के बीच, दूसरा 5 से 12 नवंबर और तीसरा मूल्यांकन 27 से 15 जनवरी के बीच होगा। इस दौरान अभिभावकों को बुलाकर विद्यार्थियों के प्रगति की जानकारी दी जाएगी।
प्रधानाचार्य नियमित कक्षा के अलावा समयसारिणी में से 5-5 मिनट कम करके अलग से 40 मिनट कम करके अलग से 40 मिनट का समय सुधारात्मक कक्षा के लिए निर्धारित करेंगे। चिह्नित विद्यार्थियों के अतिरिक्त कोई छात्र स्वेच्छा से पढ़ना चाहें तो उसे भी अनुमति होगी। प्रत्येक अध्याय के बाद प्रश्नोत्तरी तैयार कर दक्षता का आकलन किया जाएगा। यदि किसी विषय के शिक्षक नहीं हैं तो नजदीकी एडेड, वित्तविहीन या पूर्व माध्यमिक विद्यालय से संबंधित विषय के शिक्षक से शिक्षण कार्य कराने की डीआईओएस या बीएसए के माध्यम से व्यवस्था की जाएगी।
इन विषयों पर दिया जाएगा ध्यान
■ 9वीं व 10वीं विज्ञान गणित, हिंदी, अंग्रेजी व सामाजिक विषय ■ 11वीं व 12वीं गणित, हिंदी, अंग्रेजी, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान व जीव विज्ञान ऐसा पता लगाएंगे कि विद्यार्थी किस विषय कमजोर
क्या पढ़ाई के दौरान विद्यार्थी गैरहाजिर था या उसकी याददाश्त कमजोर है। वह धीमी गति से सीखता है या उसमें आत्मविश्वास की कमी है। अन्य विद्यार्थियों के साथ संवाद है या नहीं। इसके अलावा छात्र के प्रति अध्यापक के व्यवहार, संबंधित विषय के शिक्षक का उपलब्ध न होना या अन्य कोई कारण हैं तो उसे भी देखा जाएगा।