लखनऊ। साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा विभाग की ओर से साक्षर भारत योजना के तहत चार वर्ष पहले तक कार्य कर चुके शिक्षा प्रेरकों के कामों का सत्यापन होगा। इसके तहत पता लगाया जाएगा कि 66 जिलों में उस समय चिह्नित कितने निरक्षरों को साक्षर किया गया?
निदेशक, साक्षरता वैकल्पिक शिक्षा व सचिव राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण गणेश कुमार ने विभिन्न जिलों के बीएसए के अलावा कुशीनगर, संतकबीरनगर, महराजगंज व कौशांबी के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्य और बस्ती के डीआईओएस को एक माह में सत्यापन कराने के निर्देश दिए हैं। साक्षर भारत योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर स्थापित लोक शिक्षा केंद्रों पर वर्ष 2009-10 से मार्च 2018 तक शिक्षा प्रेरक कार्यरत थे। उनके द्वारा किए गए वास्तविक कार्यों का ही स्थलीय सत्यापन कराया जाना है। इसके तहत चिह्नित निरक्षरों की सूची जिलों के पास उपलब्ध है। इसी क्रम में निर्देश दिए गए हैं कि सूची से किन निरक्षरों को साक्षर किया गया है। इसके तहत देखा जाएगा कि किस निरक्षर ने साक्षरता की परीक्षा उत्तीर्ण कर प्रमाणपत्र पाया।
पढ़ाई के दौरान के उपस्थिति रजिस्टर चेक किए जाएंगे। अधिकारियों के अनुसार प्रेरकों को उस समय मिलने वाले मानदेय की कुछ राशि का भुगतान नहीं हुआ है। इस क्रम में भी जांच कराई जा रही।
इन जिलों में होगा सत्यापन
आगरा, अलीगढ़, बलिया, बांदा, बाराबंकी, बरेली, बिजनौर, बदायूं, देवरिया, इटावा, फतेहपुर, गौतमबुद्धनगर, गाजीपुर, हाथरस, झांसी, कन्नौज, मैनपुरी, मुजफ्फरनगर, प्रतापगढ़, रायबरेली, उन्नाव, वाराणसी, प्रयागराज, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, बागपत, बहराइच, बलरामपुर, बुलंदशहर, चंदौली, चित्रकूट, एटा, अयोध्या, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, गोंडा, गोरखपुर, हमीरपुर, हरदोई, जौनपुर, जालौन, जेपी नगर, कानपुर देहात, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, महोबा, मथुरा, मऊ मेरठ मिर्जापुर, मुरादाबाद, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, संतरविदासनगर, शाहजहांपुर श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर सीतापुर, सोनभद्र, सुल्तानपुर।