ज्ञानपुर। निर्वाचन कार्य में लापरवाही बरतने पर औराई तहसील क्षेत्र के 11 बीएलओ का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया गया। एसडीएम की रिपोर्ट पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने यह कार्रवाई की। घोसिया और खमरिया नगर में मतदाता पुनरीक्षण की ड्यूटी में लगे बीएलओ महीने भर बाद भी तहसील से बीएलओ किट नहीं ले गए
आगामी नगर निकाय चुनाव के मद्देनजर नगर पालिका भदोही, गोपीगंज, नगर पंचायत ज्ञानपुर, सुरियावां, नई बाजार, घोसियां और खमरिया में मतदाता पुनरीक्षण का कार्य चल रहा है। 20 सितंबर से 20 अक्तूबर तक चलने वाले पुनरीक्षण में 250 से अधिक बीएलओ की ड्यूटी लगाई गई है। करीब 20 दिन से अधिक समय गुजर गए, लेकिन अब भी घोसिया और खमरिया नगर के 11 बीएलओ तहसील से बीएलओ किट तक नहीं ले गए। पूर्व में सख्त चेतावनी के बाद भी बीएलओ लापरवाह बने रहे। इसे देखते हुए एसडीएम औराई लाल बाबू दूबे ने यह कार्रवाई की।
निर्वाचन कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
एसडीएम की संस्तुति पर बीएसए भूपेन्द्र नारायण सिंह ने बीएलओ अनुुदेशक रामलाल मौर्य, शिक्षामित्र नीलम गुप्ता, सत्यभामा सिंह, सहायक अध्यापक अनामिका कुशवाहा, राजन जायसवाल, प्रामिश मौर्य, अंकिता सिंह, राजेश कुमार, शीतला प्रसाद, शांतिभूषण भरती और अंशु रानी का वेतन रोक दिया। कहा कि निर्वाचन कार्य में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। चेताया कि दो दिन के अंदर बीएलओ अपनी डयूटी पर जाएं अन्यथा उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई के लिए पत्र लिखा जाएगा।
नगर में नहीं पहुंचे बीएलओ, लोग नाराज
गोपीगंज। नगर निकाय चुनाव को लेकर मतदाता पुनरीक्षण कार्य चल रहा है, लेकिन नगर के कई वार्डों में आज तक बीएलओ नहीं पहुंचे। इसको लेकर लोगों में नाराजगी है। वार्ड 20 के सुरेश कौशल, शशि कौशल, रमेश, सुनील, सिद्धेश ने कहा कि 20 अक्तूबर तक सत्यापन कार्य होना है। अब एक सप्ताह से भी कम समय बचा है, लेकिन बीएलओ नहीं आए। भविष्य में सभासदों के पास ही बैठकर मतदाता पुनरीक्षण कार्य कर लिया जाएगा, जिससे वास्तविक मतदाताओं का नाम सूची में नहीं होगा।
जिले में 892 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित है। करीब पांच साल पूर्व आपरेशन कायाकल्प के तहत सरकारी स्कूलों की तस्वीर बदली जा रही है। राज्य और केंद्रीय वित्त के धन से स्कूलों में जरूरी कार्य कराए जाने हैं। सुंदरीकरण, सबमर्सिबल पंप, इंटरलाकिंग, रंगाई-पुताई, शौचालय, हैंडवाश सहित 19 बिंदुओं का कार्य पूर्ण करना है। 892 स्कूलों में 600 से अधिक स्कूल 19 पैरामीटर को पूर्ण कर चुके हैं, लेकिन ग्राम प्रधानों की उदासीनता से 100 से अधिक विद्यालय 14 से 15 पैरामीटर तक ही पहुंच सके हैं। महीने भर पूर्व स्कूलों के जरूरी कार्य के लिए 4.5 करोड़ कंपोजिट ग्रांट की धनराशि भेजी गई। इसमें छात्र संख्या के आधार पर स्कूलों को 25 हजार से लेकर दो लाख तक अवमुक्त किया गया। जिन स्कूलों में ग्रांट की रकम 25 हजार आई है। वहां 19 पैरामीटर पूर्ण करा पाना प्रधानाध्यापकों के लिए मुश्किल हो रहा है। नए ग्राम प्रधान भी बजट का इंतजार कर रहे हैं। जिला समन्वयक निर्माण शिवम सिंह की संस्तुति पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 23 प्रधानाध्यापकों का वेतन कार्य पूर्ण होने तक रोक दिया है। वहीं दूसरी ओर विभाग की कार्रवाई को लेकर शिक्षक मुखर होने लगे हैं। उनका आरोप है कि 25 हजार के अल्प रकम में एक भी कार्य पूर्ण नहीं हो सकता है।