जन्म के साथ ही बच्चों को आधार नंबर देने पर काम ते
16 राज्यों में इस पर हो रहा काम, कुछ जगहों पर जन्म प्रमाणपत्र के साथ ही आधार नंबर भी दिए जा रहे
नई दिल्ली, देश में बच्चे के जन्म के साथ ही उसे आधार नंबर देने का काम तेजी से चल रहा है। आने वाले कुछ महीनों में इसे पूरे देश में लागू किया जा सकता है। फिलहाल 16 राज्यों में इस पर काम हो रहा है और कुछ जगहों पर जन्म प्रमाणपत्र के साथ ही आधार नंबर भी दिए जा रहे हैं।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी यूआईडीएआई के आधिकारिक सूत्रों के जरिए ‘हिन्दुस्तान’ मिली जानकारी के मुताबिक, देश के 16 राज्यों से बच्चे के जन्म के साथ ही पंजीकरण की जानकारी यूआईडीएआई के पास पहुंच जाती है। ऐसे में मौजूदा समय में इस बात की तैयारी चल रही है कि आने वाले कुछ महीनों में देश भर में बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के साथ ही आधार नंबर दे दिया जाए। बाद में बच्चे के 5 वर्ष और 15 वर्ष की उम्र पार करने पर उसे बायोमेट्रिक्स यानी उंगलियों के निशान और आंखों की पुतली जैसी पहचान की जानकारी आधार नंबर के साथ जोड़नी होगी।
10 साल से पुराने आधार अपडेट करने की जरूरत यूआईडीएआई द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं कि देशभर के सभी आधार कार्डों पर जानकारियां पूरी तरह सही हों। इसीलिए 10 साल से पुराने आधार पर पता और दूसरी जानकारियां अपडेट करने का विकल्प दिया जा रहा है।
एक साल में 20 करोड़ पंजीकरण
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले एक साल में बड़े पैमाने पर लोगों ने आधार अपडेट कराए हैं। कुल 20 करोड़ आधार पंजीकरण के आंकड़े आए हैं। इनमें से केवल 30 लाख वयस्कों के आधार पंजीकृत हुए हैं। वहीं साढ़े तीन करोड़ बच्चों के थे। इस हिसाब से 16 करोड़ से ज्यादा लोगों ने आधार अपडेट कराए हैं। देश में कुल 134 करोड़ आधार नंबर जारी किए गए हैं।
पैसा न पहुंचे तो आधार अपडेट कराएं
तमाम सरकारी योजनाओं में आधार का ही इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे में किसी वजह से गलत लोगों के पास सीधे बैंक खाते में दिया गया फायदा न पहुंच रहा हो इसीलिए आधार अपडेट करने की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए ऑनलाइन अपडेट करने के लिए 25 रुपए और आधार सेंटर पर ये सुविधा इस्तेमाल करने के लिए 50 रुपए का शुल्क लिया जा रहा है।
2010
में पहला आधार जारी किया गया। देश में, तब से अब तक के आंकलन के हिसाब से 100 फीसदी वयस्क भारतीयों के पास आधार नंबर मौजूद