हाईकोर्ट ने मुख्य सेविकाओं की भर्ती के मामले में राज्य सरकार से छह सप्ताह में जवाब मांगा है। कोर्ट ने मुख्य सेविकाओं की भर्ती से पड़ने वाले वित्तीय बोझ का भी विवरण मांगा है।
कोर्ट ने पूछा है कि इस पद पर पहले से कार्यरत मुख्य सेविकाओं के नियमित करने से कितना वित्तीय बोझ पड़ेगा। इसकी भी जानकारी देनी होगी, क्योंकि विभाग के निदेशक ने 2018 में शासन को भेजे प्रस्ताव में कहा है कि नियमितीकरण करने से कोई वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। कोर्ट ने कहा कि मामले में संयुक्त सचिव बाल विकास एवं पुष्टाहार के स्तर से नीचे रैंक वाले अधिकारी का जवाबी हलफनामा नहीं होना चाहिए। यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा ने अनीता सिंह व 75 अन्य की याचिका पर दिया है।