उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) वर्ष 2023 की बोर्ड परीक्षा में तीन नहीं, बल्कि 21 तरह के दिव्यांगों को सहूलियत देगा। इसमें परीक्षार्थी को लेखक दिए जाने के साथ अतिरिक्त समय भी दिया जाएगा, ताकि दिव्यांग भी आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा सकें। दिव्यांगों को चिह्नित करने का कार्य पहले ही पूरा कर लिया गया है।
दिव्यांगों को चिह्नित करने के लिए यूपी बोर्ड ने 15.56 मिनट की वीडियो फिल्म तैयार कर विद्यालयों को भेजी थी। बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल के निर्देश पर प्रधानाचार्यों ने विद्यालयों में यह फिल्म विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को दिखाई, ताकि दिव्यांग बच्चों को भी सामान्य बच्चों की तरह शैक्षिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। फिल्म में 21 तरह के दिव्यांग बच्चों की विशेषताओं को दिखाया और बताया गया है। फिल्म में बताया गया है कि दिव्यांग बच्चों के सम्मान के साथ जीने के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण कड़ी है। परिषद का मानना है कि दिव्यांगों के जीवन निर्माण में शिक्षा मजबूत आधार प्रदान कर सकती है। ऐसे जरूरतमंदों को लाभ प्रदान करने के ● लिए सरकार ने कुछ अक्षमताओं को मान्यता दी है।
दिव्यांगों की श्रेणी
1 दृष्टिबाधित,2. कम दृष्टि, 3. कुष्ठ रोग से ठीक हुए बच्चे, 4. श्रवण दोष, 5. लोको मोटर (एक जगह से दूसरी जगह जाने में कठिनाई), 6. बौनापन, 7. बौद्धिक अक्षमता, 8. मानसिक बीमारी या विकार, 9. आत्म केंद्रित स्पेक्ट्रम विकार यानी न्यूरोलाजिकल व विकासात्मक विकार, 10. सेरेब्रल पाल्सी, 11. मस्कुलर डिस्ट्राफी (मांसपेशी की कमजोरी), 12. पुरानी न्यूरोलाजिकल स्थितियां, 13. विशिष्ट सीखने की अक्षमता, 14. मल्टीपल स्क्लोरोसिस, 15. भाषण और भाषा विकलांगता, 16. थैलेसीमिया (रक्त विकार), 17. हीमोफीलिया, 18. सिकल सेल रोग (रक्त विकारों का समूह ), 19 बधिर सहित बहु दिव्यांगता, 20. एसिड अटैक पीड़ित, 21.पार्किंसंस रोग।