गोंडा। दीपावली के बाद परिषदीय स्कूलों में शिक्षक-अभिभावक उत्सव की धूम शुरू होगी। चहक कार्यक्रम के तहत बेसिक शिक्षा विभाग ने यह उत्सव मनाने की तैयारी की है। इसके लिए विभाग ने जिले के 2191 स्कूलों के लिए 59 लाख रुपये का बजट जारी किया है। इसमें छात्रों की पढ़ाई को बेहतर करने के लिए अभिभावकों को जागरूक किया जाएगा। उत्सव में जिले के चार लाख अभिभावकों को जोड़ा जाएगा।
जिले में चहक कार्यक्रम के लिए प्रति प्राथमिक एवं कंपोजिट विद्यालय 2700 रुपये का बजट जारी हुआ है। नई पहल का नाम चहक यानी चिल्ड्रन हैप्पीनेस इन एंबियंस एंड एक्वायरिंग नॉलेज दिया गया है। एक तरह की अभिभावक-शिक्षक बैठक होगी, जिसमें माता-पिता को शिक्षक स्कूल में अपने बच्चे द्वारा की गई प्रगति के बारे में जानकारी दी जाएगी। बच्चे अपने अर्जित ज्ञान का प्रदर्शन भी उसी समय करेंगे।
बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह कहते हैं कि इसका मकसद बच्चे की प्रगति में माता-पिता को शामिल करना है। माता-पिता को छात्रों की उपलब्धियों के बारे में बताया जाएगा, माता-पिता के सामने बच्चे भाषा कौशल जैसे कविता पाठ, कहानी, रोल प्ले आदि से संबंधित प्रदर्शन भी होंगे। इस पहल में शिक्षक के साथ नियमित रूप से बच्चे की प्रगति पर चर्चा करने वाले माता-पिता को सम्मानित किया जाएगा। इसमें स्कूल में नामांकित सभी बच्चे और उनके माता-पिता शामिल होंगे.
भारत के मिशन का हिस्सा है चहक
परिषदीय स्कूलों में चहक शिक्षा योजना को निपुण भारत मिशन से जोड़ कर संचालित किया जा रहा है। जिससे निपुण भारत मिशन की सफलता के लिए अभिभावक भी जागरूक हो सकें। बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह का कहना है कि प्राथमिक स्कूलों में बच्चों के लिए बुनियादी ज्ञान होना जरूरी है। निपुण भारत मिशन से प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को का प्रशिक्षण भी कराया जा रहा है। जो छात्रों के साहित्यिक और बुनियादी भाषा कौशल को विकसित करने की जानकारी देगा। इससे प्रशिक्षित होकर शिक्षक स्कूल में शिक्षा को नई उड़ान देंगे।