एटा। परिषदीय विद्यालय में बच्चों के लिए मध्यान भोजन दिया जाता है इसकी गुणवत्ता ठीक नहीं होने की वजह से बच्चे भोजन को फेंक रहे हैं। बच्चों से जब पूछा गया तो खराब भोजन की बात कही गई। भोजन की गुणवत्ता की लेकर कई बार सवाल उठाए जा चुके हैं लेकिन सुधार नहीं हो रहा है।
काशीराम शहरी आवास योजना पराग डेयरी के पास प्राथमिक विद्यालय में अमर उजाला टीम ने शुक्रवार को पड़ताल की थी। इस दौरान बच्चे खाना फेंकते मिले। बच्चों से
जब पूछा गया तो उनका कहना था कि खाना अच्छा नहीं है इसलिए खाया नहीं जाता और फेंकना पड़ रहा एक बच्ची हैंडपंप के पास खुद ही वर्तन धोने पहुंची और उसकी थाली में दलिया था, इसको उसने नहीं खाया और फेंक दिया इस संबंध में रसोइया निक्की देवी से बात की गई तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सकीं। जब कि सहायक अध्यापिका कल्पना राजपूत से पूछा गया तो वह बच्चों द्वारा खुद
के बर्तन लंबे समय से धोने की बात तो कही गई लेकिन भोजन की गुणवत्ता को लेकर चुप्पी साध ली गई। जबकि प्रधानाध्यापक विद्यालय में मौजूद नहीं पाए गए।
बीएसए संजय सिंह ने बताया कि सभी विद्यालयों को मध्याहन भोजन की गुणवत्ता और मेन्यू के आधार पर भोजन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद भी कहीं से कोई शिकायत आती है तो उसको गंभीरता से लेकर जांच कराई जाएगी।