लगातार बढ़ती मंहगाई और शिक्षक संघों के विरोध को देखते हुए केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने मध्यान्ह भोजन योजना (मिड डे मील) में परिवर्तन लागत (कन्वर्जन कास्ट) बढ़ा दी है। सत्र 2022-23 के लिए इसमें प्रति विद्यार्थी 9.6 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। लेकिन शिक्षक संघ इसे ऊंट के मुंह में जीरा बताते हुए विरोध जारी रखने का ऐलान कर रहे हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने प्राथमिक स्तर पर परिर्वतन लागत 4.97 से बढ़कर 5.45 रुपये और उच्च प्राथमिक स्तर पर 7.45 से बढकर 8.17 रुपये कर दी है। प्राथमिक स्तर पर.48 पैसे और उच्च प्राथमिक स्तर पर 72 पैसे प्रति विद्यार्थी की दर से वृद्धि की है।
शिक्षक संघ उतरे विरोध में
यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के जिला महामंत्री राजीव वर्मा का कहना है कि एमडीएम की परिवर्तन लागत बढ़ाने की मांग को लेकर कई बार जिलाधिकारी व बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन दिए, प्रदेश स्तर पर भी मामला उठाया गया। लेकिन परिर्वतन लागत में मामूली वृद्धि ही की गई, जो अभी भी नाकाफी है क्योंकि गैस सिलेंडर 1156 रुपए, रिफाइंड , मसाले व अन्य खाद्य ब्रांडेड यूज़ करने पड़ते हैं, सब्जी भी बेहद महंगी है। इस महंगाई में भी चार रुपए फल के लिए दिए जाते हैं जिसमें एक केला भी नहीं मिलता, वह भी अब पांच रुपए का आता है। इससे शिक्षक परेशान हैं। संगठन की मांग है कि मिड डे मील व्यवस्था को किसी एनजीओ को दे दिया जाए, जिससे शिक्षक सिर्फ शिक्षण कार्य में ध्यान दे पाएं।
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री बृजेश दीक्षित का कहना है की परिर्वतन लागत में इतनी कम बढ़ोतरी करना परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और शिक्षकों के साथ मजाक जैसा है। एक तरफ सरकार विद्यार्थियों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए तमाम दावे करती है, वहीं परिवर्तन लागत में इतनी कम वृद्धि करना उनके साथ सरासर नाइंसाफी है। ऐसे में शिक्षक सबसे ज्यादा परेशान होगा क्योंकि उसे गुणवत्ता पूर्ण भोजन उपलब्ध कराने में पहले की तरह परेशानी आती रहेंगी।