फिरोजाबाद। परिषदीय विद्यालयों में कान्वेंट की तरह शिक्षा दिए जाने के दावे फेल साबित हो रहे हैं। सात माह बाद भी स्कूली छात्र-छात्राओं के पास पूरी किताबें नहीं पहुंची हैं। बच्चों के बैग खाली हैं, जबकि ब्लॉक संसाधन केंद्रों के कमरों में किताबें बंद हैं। अफसरों की अनेदखी के कारण किताबें अभी तक बच्चों के पास नहीं पहुंच पाई हैं। जबकि छमाही परीक्षा का समय भी नजदीक आ रहा है।
शहर के नगरीय संसाधन केंद्र आर्यनगर के कमरे में किताबें भरी हुई हैं। विभाग ने इन किताबों को स्कूलों तक नहीं पहुंचाया है। यह स्थिति सिर्फ नगर क्षेत्र की ही नहीं, बल्कि पूरे जिले के ब्लाक संसाधन केंद्रों की है। किताबें नहीं मिलने के कारण छात्र- छात्राएं आधी अधूरी किताबों से पढ़ने को मजबूर हैं। बीएसए अंजली अग्रवाल ने बताया कि सभी खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देश देंगे कि जो भी किताबें आईं हैं, उनको तत्काल रूप से विद्यालयों तक पहुंचाया जाए। किताबों को बीआरसी पर न रखा जाए।