माध्यमिक शिक्षा विभाग ने यूपी बोर्ड 2023 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षाओं की परीक्षा केन्द्र निर्धारण नीति जारी कर दी है। इस बार स्मार्ट क्लास के संचालित होने, वर्ष 2022 की परीक्षा में जिला व राज्य स्तरीय टॉपर वाले स्कूलों को मेरिट में ज्यादा अंक दिए जाएंगे।
गुरुवार को माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव वेदपति मिश्र ने आदेश जारी कर दिया है। एक पाली में 125 से कम धारण क्षमता वाले वित्तविहीन स्कूल परीक्षा केन्द्र नहीं बनेंगे लेकिन राजकीय व एडेड स्कूलों को इस बार इस शर्त से छूट दी गई है।
स्कूलों की मेरिट बनाने के लिए आठ मानक जारी किए गए हैं। इस बार जिन स्कूलों में स्मार्ट क्लास संचालित होते हैं। उन्हें 5 नंबर मिलेंगे, साथ ही जिला स्तर पर टॉप 10 में जगह बनाने वाले स्कूलों को 5 और राज्य स्तर पर टॉप 10 में जगह बनाने वाले स्कूलों को 10 अंक मिलेंगे। ये मानक इस बार नए शामिल किए गए हैं। वहीं इस बार कक्षा कक्ष के लिए एक की बजाय 5 अंक दिए जाएंगे। वहीं पिछली बार का परिणाम 90 फीसदी से ज्यादा पर 10 अंक, राजकीय स्कूलों केा 50, अशासकीय सहायताप्राप्त को 30 और वित्तविहीन स्कूलों को 10 अंक दिए जाएंगे। पिछले वर्ष वित्तविहीन स्कूलों में पंजीकृत विद्यार्थियों के सापेक्ष पूरी बोर्ड परीक्षा में यदि 30 फीसदी से ज्यादा विद्यार्थी अनुपस्थित हों तो उन्हें परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया जाएगा। यदि हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के कुल पंजीकृत परीक्षार्थियों की संख्या 80 से कम होगी वहां परीक्षा केन्द्र न बनाएं। इस बार प्रधानाचार्यों की कमेटी उस स्कूल में जाकर वहीं से स्कूल की जियोलोकेशन का सत्यापन करेंगे।
गलत जानकारी पर स्कूल डिबार किया जाएगा
22 अक्तूबर तक सभी स्कूलों के प्राचार्यों को एक निर्धारित प्रोफार्मा पर केंद्र बनाए जाने को लेकर सभी जानकारी भरनी होंगी। अगर किसी प्रधानाचार्य ने गलत व भ्रामक जानकारी भरी तो उस स्कूल को तीन वर्ष के लिए डिबार कर दिया जाएगा। वहीं प्रधानाचार्य के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। सात जनवरी 2023 तक बोर्ड परीक्षा केंद्रों का निर्धारण कर सूची जारी कर दी जाएगी।