प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। तीन महीने से प्रदेश के 18 हजार परिषदीय स्कूलों की निगरानी करने कोई नहीं पहुंचा। सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के लिए लगाए गए एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) ने भी इन स्कूलों का रुख नहीं किया। यह स्थिति तब है जबकि महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरन आनंद के निर्देश पर सभी स्कूलों का सघन निरीक्षण किया जा रहा है ताकि पठन-पाठन बेहतर करने के साथ ही शिक्षकों की समय से उपस्थिति सुनिश्चित की जा सके।
सरकार ने प्रत्येक ब्लॉक में पांच-पांच (हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान व सामाजिक विषय) एआरपी की तैनाती की है जो स्कूलों में जाकर विषय को आसान ढंग से पढ़ाने का तरीका बताते हैं। लेकिन जुलाई, अगस्त और सितंबर में इन स्कूलों में कोई एआरपी नहीं पहुंचा। विजय किरन आनंद ने प्रदेशभर के 18 हजार स्कूलों की सूची जारी कर नियमित निगरानी और सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के निर्देश दिए हैं।
तीन महीने से 18 हजार स्कूलों की निगरानी नहीं
● शासन ने सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के लिए एआरपी किए हैं नियुक्त
● एआरपी विषय को आसान ढंग से पढ़ाने का बताते हैं तरीका
आगरा में 429, प्रयागराज में 187 स्कूल
प्रदेशभर के 1.50 लाख से अधिक परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में से 18 हजार या दस प्रतिशत से अधिक स्कूलों में तीन महीने में कोई जिम्मेदार नहीं पहुंचा। इनमें आगरा के 429, प्रयागराज 187, लखनऊ 226, प्रतापगढ़ 268, गोरखपुर 378, वाराणसी 40, मेरठ 113, कानपुर नगर 236, कानपुर देहात 393, मुरादाबाद 265, अलीगढ़ 214 और बरेली के 85 स्कूल शामिल हैं।