वाराणसी जिले के सरकारी स्कूलों को पब्लिक स्कूलों की तरह ही आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। इसके लिए स्कूलों में जन सहयोग तो कहीं शिक्षक अपने पैसे से स्मार्ट क्लास बनवा रहे हैं। इन स्मार्ट क्लास की कितनी उपयोगिता होगी. जब पिछले एक वर्ष से इस पर ताला लटका हुआ है। कई जगह तो ऐसा है, जहां नेट पैक के अभाव में अब तक स्मार्ट क्लास का श्री गणेश तक नहीं हुआ है। ऐसे में जिले के सरकारी स्कूलों में बनी स्मार्ट क्लास हाथी के दांत बनकर ही रह गई हैं।
जिले में 291 प्राथमिक, 133 उच्च प्राथमिक व 220 कंपोजिट विद्यालय है। जिसमें 254 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास बनाया गया है। इन स्मार्ट क्लासों में एलईडी, लैपटॉप यूपीएस और बैटरी सहित अन्य उपकरण तो लग चुके हैं, लेकिन इन क्लासों पर पिछले एक साल से ताला लटका हुआ है। कमरे में सीलन की वजह से स्मार्ट क्लास में लगा सीपीयू पिछले सत्र से ही जला हुआ है, जिसके कारण ये कक्षाएं बंद चल रही है। विभागीय अधिकारियों से इसकी शिकायत भी की गई लेकिन अब तक इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकल सका है।