लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा विभाग के पदोन्नत 382 राजकीय शिक्षक चार महीने से प्रिंसिपल पद पर तैनाती का इंतजार कर रहे हैं। इनकी विभागीय पदोन्नति कमेटी यानी डीपीसी मई में हुई थी और 21 जून को इनका परिणाम आया था। प्रिंसिपल पद पर तैनाती न होने से उन्हें वेतनवृद्धि का भी लाभ नहीं मिल रहा। राजकीय शिक्षक संघ ने इस स्थिति को चिंताजनक बताया है।
संघ के महामंत्री रामेश्वर पांडेय ने बताया कि पदोन्नति के लिए डीपीसी ही दिसंबर 2021 से टलते टलते 21 मई 2022 को हुई थी। इस बीच 14 शिक्षक सेवानिवृत्त हो गए। उन्हें एक रुकी वेतन वृद्धि मिलनी है जो कि अभी तक नहीं मिली। इसी तरह बाकी शिक्षकों को भी देरी से आर्थिक नुकसान हो रहा है। क्योंकि जब से पदस्थापन होगा तभी से वेतन वृद्धि होगी।
इधर कई शिक्षक 31 मार्च 2023 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। ऐसे में तैनाती अगर नवंबर व दिसंबर 2022 तक नहीं हुई तो शिक्षक नए तैनाती स्थल पर जाने से कतराएंगे। क्योंकि नए स्थान पर उन्हें पेंशन, पीएफ आदि के प्रपत्र बनवाने में दिक्कत होगी।
उन्होंने यह भी बताया कि पहले तैनाती ऑफलाइन करने का निर्णय हुआ था लेकिन बाद में ऑनलाइन का आदेश हो गया। अब प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार है। हालांकि विभागीय अधिकारी जल्द पदोन्नत शिक्षकों की तैनाती होने की बात कह रहे हैं।