अभ्यर्थियों की मांग पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा-2021 में शामिल अभ्यर्थियों से अभ्यर्थन वापसी के लिए आवेदन मांग लिए हैं। आयोग की ओर से शनिवार को इस बाबत विज्ञप्ति भी जारी कर दी गई। आवेदन की अंतिम तिथि एक नवंबर है।
परीक्षा नियंत्रक अजय कुमार तिवारी के अनुसार आरओ/एआरओ परीक्षा-2021 में शामिल जो अभ्यर्थी किसी अन्य पद पर चयनित हो चुके हों और अब आरओ/एआरओ की इस परीक्षा में अपना अभ्यर्थन नहीं रखना चाहते हों तो वे अपना अभ्यर्थन निरस्त करने के लिए अपने रजिस्टर्ड ई-मेल आईडी से आयोग के ई-मेल आईडी ‘[email protected]’ पर एक नवंबर तक प्रार्थना पत्र भेज सकते हैं।
प्रार्थना पत्र में अपने अभ्यर्थन निरस्तीकरण के बारे में स्पष्ट कारणों का उल्लेख करना होगा। आयोग ने 19 अक्तूबर को पीसीएस-2021 का अंतिम परिणाम जारी किया है। इसमें चयनित कई अभ्यर्थियों ने आरओ/एआरओ की परीक्षा भी दी है। आरओ/एआरओ के 354 पदों पर भर्ती के लिए प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के बाद टाइप टेस्ट भी हो चुका है। आयोग जल्द ही इस भर्ती का अंतिम चयन परिणाम जारी करने की तैयारी में है।
अभ्यर्थन वापसी के मसले पर अभ्यर्थियों ने आयोग के अध्यक्ष को दर्जनों ई-मेल भेजे थे। पत्र में अभ्यर्थियों ने कहा था कि अगर दूसरी परीक्षाओं में उच्च पदों पर चयनित अभ्यर्थी आरओ/एआरओ में अभ्यर्थन वापसी के लिए आवेदन देते हैं तो अंतिम सूची में शामिल अन्य जरूरतमंद अभ्यर्थियों के लिए अवसर बढ़ जाएंगे। अध्यक्ष से मांग की गई थी कि पूर्व की भांति इस बार भी अभ्यर्थन वापसी के लिए आवेदन मांगे जाएं।
प्रवक्ता होम्योपैथिक स्क्रीनिंग परीक्षा की उत्तरकुंजी जारी
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने प्रवक्ता होम्योपैथिक परीक्षा-2020 की 14 अक्तूबर को हुई स्क्रीनिंग परीक्षा की सामान्य अध्ययन और होम्योपैथिक फार्मेसी एवं आर्गेनान ऑफ मेडिसिन विषय की चारों सीरीज (ए, बी, सी, डी) की उत्तरकुंजी शनिवार को जारी कर दी। आयोग के परीक्षा नियंत्रक अजय कुमार तिवारी के अनुसार उत्तरकुंजी आयोग की वेबसाइट पर 28 अक्तूबर तक उपलब्ध रहेगी। अभ्यर्थी वेबसाइट पर प्रदर्शित उत्तरकुंजी देख लें और अगर उन्हें कोई विसंगति प्रतीत होती है तो 29 अक्तूबर, शाम पांच बजे तक किसी भी कार्य दिवस पर रजिस्टर्ड डाक से या आयोग कार्यालय के काउंटर पर अपनी आपत्ति उपलब्ध करा सकते हैं। बिना साक्षय, बिना विषय कोड एवं अपठनीय या असंगत साक्ष्य वाले प्रत्यावेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा।