बुलंदशहर, बेसिक स्कूलों में पिछले वर्ष हुई अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं का बजट न आने से शिक्षकों ने स्वयं अपने खर्चें से परीक्षाओं को संपन्न कराया है। परीक्षा कराने में शिक्षकों के 25 लाख रुपये खर्च हो गए हैं और शासन स्तर से अभी शिक्षकों के लिए कोई बजट जारी नहीं किया है। शिक्षक अब विभाग से अपने पैसे मांग रहे हैं मगर शासन द्वारा इस पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
परिषदीय स्कूलों में पिछले वर्ष अर्द्धवार्षिक हुई थीं, इसमें परीक्षा सामग्री के लिए शासन ने कोई बजट जारी नहीं किया और विभाग ने शिक्षकों से परीक्षाओं को संपन्न कराया, इसमें पूरा खर्चा शिक्षकों ने किया। बताया गया कि 25 लाख रुपये से अधिक शिक्षकों के खर्च हुए थे। मगर शासन द्वारा अभी तक परीक्षाओं के लिए कोई बजट जारी नहीं किया है। शिक्षक भी एक साल से बजट की बांट जोह रहे हैं। विभाग द्वारा शासन को कई बार लिखा जा चुका है लेकिन कोई संतोषजनक जवाब प्राप्त नहीं हो रहा है।
अधिकतर शिक्षकों का होता खर्चा
बच्चों की परीक्षाएं हो या फिर मिड डे मील संचालन का कार्य इसमें अधिकतर पूरा खर्चा शिक्षकों का होता है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया कि विभाग की मनमानी के चलते शिक्षक काफी परेशान हैं। एक साल से बजट नहीं आया है, जबकि अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं का समय भी नजदीक है। उन्होंने कहा कि मिड डे मील का भी करोड़ों रुपया बकाया है। विभाग जल्द से जल्द शिक्षकों का पूरा भुगतान कर दे, अन्यथा संघ धरना प्रदर्शन करेगा।