ज्ञानपुर। आपरेशन कायाकल्प से परिषदीय स्कूलों की तस्वीर भले ही बदल रही है, लेकिन पांच महीने में 790 स्कूलों को 19 पैरामीटर से संतृप्त कर पाना शिक्षा विभाग से लेकर प्रशासन तक के लिए चुनौती होगी। शासन स्तर से इसकी डेडलाइन तय कर दी गई है। मार्च 2023 तक सभी 895 स्कूलों को संतृप्त करना होगा। इसके अलावा साढ़े चार करोड़ के कंपोजिट ग्रांट को भी खर्च करने के लिए दो महीने का समय दिया गया है।
कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों का कायाकल्प करने के लिए साल 2017 में प्रदेश सरकार ने आपरेशन कायाकल्प की शुरुआत की है। राज्य वित्त, केंद्रीय वित्त के बजट से स्कूलों में शौचालय, यूरिनल, पेयजल, बिजली कनेक्शन सहित कुल 19 पैरामीटर से जुड़े काम कराने हैं। करीब पांच साल बाद भी मात्र 105 स्कूल संतृप्त हो सके। अब भी 790 विद्यालयों को संतृप्त होने का इंतजार है। कच्छप गति से हो रहे काम को देखते हुए शासन ने मार्च 2023 तक सभी 895 विद्यालयों को 19 पैरामीटर से संतृप्त करने की डेडलाइन तय कर दी है। अब भी कई स्कूल 12, 13, 14 और 15 पैरामीटर को ही पूर्ण कर सके हैं। बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि जिले 895 परिषदीय विद्यालयों में से 105 विद्यालय 19 पैरामीटर पर संतृप्त कर लिए गए हैं, जबकि अधिकतर विद्यालय ऐसे हैं, जिसमें 15 पैरामीटर तक काम कराया जा चुका है। मार्च 2023 तक शासन से कार्य पूर्ण करने की डेडलाइन तय की गई है। इसके पूर्व ही सभी स्कूलों को 19 पैरामीटर संतृप्त किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कंपोजिट ग्रांट की 80 फीसदी रकम खर्च हो चुकी है।
क्या है स्कूलों में स्थिति
ज्ञानपुर। जिले के 895 परिषदीय स्कूलों में 19 पैरामीटर में सिर्फ 105 स्कूल पास हो सके हैं। इसके अलावा सुरक्षित एवं स्वच्छ पेयजल -862, रनिंग वाटर कनेक्शन- 821, बालक शौचालय -831, बालिका शौचालय – 835, बालक यूरिनल- 631, बालिका यूरिनल – 632, शौचालय में नल जल आपूर्ति – 773, शौचालय- यरिनल में टाइल्स- 773, दिव्यांग मैत्रिक शौचालय-245, हैंडवाश यूनिट-781, टाइल्स युक्त कक्षा कक्षा- 546, ब्लैक-ग्रीन बोर्ड-877, डेस्क-ब्रेंच- 186, रसोईघर पक्के फर्श, छत एवं रंगाई-पुताई- 779, रंगाई-पुताई-876, रेलिंग युक्त रैंप-729, चारदीवारी व मुख्य द्वार – 641, सुरक्षित वायरिंग- 831 व विद्युत संयोजन एवं आपूर्ति का कार्य -819 विद्यालयों में पूरा हो चुका है।