केंद्रीय बजट 2020-21 में एक नई कर व्यवस्था पेश की गई थी। इसमें करदाताओं को विभिन्न कटौतियों और छूट वाली पुरानी व्यवस्था और छूट और कटौती के बिना (छूट मुक्त) कम कर दरों की पेशकश करने वाली नई कर व्यवस्था के बीच चयन करने का विकल्प दिया गया था। अब सरकार छूट मुक्त कर व्यवस्था को खत्म करने पर विचार कर रही है।
मामले से जुड़े सूत्र ने कहा कि ज्यादातर करदाता पुरानी कर व्यवस्था को तरजीह दे रहे हैं। इसके पहले वित्त मंत्रालय ने छूट मुक्त नई कर व्यवस्था की समीक्षा करने का प्रस्ताव किया था। लेकिन अब उसे खत्म करने पर विचार हो रहा है। सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्रालय चाहता है कि व्यक्तिगत आय करदाताओं के लिए कर व्यवस्था और आकर्षक होनी चाहिए।
सूत्रों का कहना है कि सरकार करदाताओं के पुरानी कर व्यवस्था में अधिक आकर्षण को देखते हुए पुरानी कर प्रणाली को ही और सुविधाजनक एवं आकर्षक बनाने की योजना पर काम कर रही है।
उन्होंने बताया कि अगले साल के बजट में इसकी झलक देखने को मिल सकती है। नई कर व्यवस्था के तहत 2.5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं है। इसके तहत 2.5 लाख से पांच लाख रुपये के बीच की आय के लिए कर की दर पांच प्रतिशत है। इसके बाद 10 प्रतिशत,15 फीसदी, 20 फीसदी, 25 प्रतिशत और 30 प्रतिशत की कर श्रेणी है।