एटा स्कूल प्रबंधन की लापरवाही ने मासूम तस्नीम की जिंदगी छीन लो स्कूल बस में ड्राइवर के अलावा दूसरा कोई स्टाफ नहीं था। हर रोज इस बस से अकेला ड्राइवर ही बच्चों को लेने जाता था।
हादसे के वक्त लापरवाही के चलते बस का दरवाजा खुला हुआ था घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे परिजनों और दूसरे नहीं है। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि ड्राइवर बस तेजी से चलाता था हाईवे से सर्विस रोड पर बस उतारने के दौरान भी बस की रफ्तार काफी अधिक थी।
पूछ क्षेत्र में और भी दर्जनों निजी स्कूल चल रहे हैं। उनकी बसों में भी सिर्फ ड्राइवर ही रहता है। कंडक्टर की कोई व्यवस्था स्कूली बच्चे स्वयं ही बस में बैठते हैं और उतरते हैं। स्कूल प्रबंधन इतना लापरवाह है कि उन्हें बच्चों की सुरक्षा से कोई सरोकार नहीं है। शासन के निर्देश के अनुसार स्कूली बस में इइवर और क्लीनर दोनों होने चाहिए, जिससे बच्चों को बस में बैठाने के बाद उसका गेट बंद हो सके।