बेसिक शिक्षा विभाग ने दोआबा को 32.57 फीसदी निरक्षरों को साक्षर बनाने की कवायद शुरू की है। प्रत्येक परिषदीय विद्यालय के प्रधानाध्यापक को निरक्षरों को चिन्हित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। चिन्हित होने पर वालिंटयर पढ़ना लिखना सिखाएंगे।
वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक जनपद की साक्षरता दर 67.43 फीसदी है, जिसमें 77.19 फीसदी पुरुष और 56. 58 फीसदी महिला पढ़ी लिखी हैं। 32.57 फीसदी लोग अभी भी खुद का नाम व पता लिखने का ज्ञान नहीं है। नतीजन निरक्षरों को शत प्रतिशत साक्षर बनाने की कवायद की जा रही है। इसके तहत ग्राम पंचायतों में स्थित परिषदीय विद्यालयों में निरक्षरों की भी कक्षाएं लगाई जाएंगी। सभी प्रधानाध्यापक पहले ग्राम पंचायत में निरक्षरों को चिंहित करेंगे,बाद में उन्हें साक्षर बनाने की पहल शुरू करेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग ने करीब एक से सवा लाख निरक्षरों को साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा है। जिला समन्वयक अखिलेश सिंह ने बताया कि चिन्हीकरण के बाद इन्हें पढ़ाने के लिए वॉलंटियर, सेवानिवृत्त शिक्षक या फिर समाजसेवियों को लगाया जाएगा। जो स्वेच्छा से निरक्षरों को साक्षर बनाने का कार्य करेंगे। बताया कि चिन्हीकरण में सभी आयु वर्ग के महिला पुरुष हो सकते हैं।