निकाय चुनाव सीट आरक्षण पर काम शुरू
● इस बार प्रदेश में छह चरणों में स्थानीय निकाय चुनाव कराने पर चल रहा है विचार- विमर्श
लखनऊ। राज्य सरकार ने निकाय चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं। वार्डों के बाद अब सीटों के आरक्षण पर काम चल रहा है।
मेयर और चेयरमैन के लिए सीटों का आरक्षण चक्रानुक्रम के आधार पर कराया जाए या नए मानते हुए, यह तय होना बाकी है। माना जा रहा है कि नवंबर के दूसरे हफ्ते से इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा।
यूपी में निकाय चुनाव नवंबर में प्रस्तावित है, लेकिन लगातार नए निकाय बनाए जाने और सीमा विस्तार के चलते तय समय पर चुनाव नहीं हो पाएगा। नगर विकास विभाग मौजूदा समय दिसंबर में चुनाव कराने के लिए तैयारियों में जुटा है। इसके लिए वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया शुरू करा दी गई है।
यह बात अलग है कि अभी तक सभी नए और सीमा विस्तार वाले निकायों में परिसीमन व रैपिड सर्वे का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। इसके बाद भी जिलों से 4 नवंबर तक वार्डों का आरक्षण करते हुए शासन को रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया है।
नगर विकास विभाग वार्ड आरक्षण रिपोर्ट जिलों से मिलने के बाद सीटों के आरक्षण की प्रक्रिया शुरू कराएगा। सीटों का आरक्षण वर्ष 2011 की जनगणना पर जातीय आधार पर करेगा, लेकिन अभी तक यह नहीं तय हो पाया है कि चक्रानुक्रम के आधार पर इसे अंतिम रूप दिया जाए या नया वार्ड मानते हुए।
प्रदेश के अधिकतर निकायों का सीमा विस्तार किया गया है, जिसमें 17 में नौ नगर निगम भी शामिल हैं। इसीलिए यह देखा जा रहा है कि आरक्षण कैसे किया जाएगा। इस संबंध में जल्द ही उच्च स्तर पर एक बैठक भी प्रस्तावित है।
सीटों के आरक्षण के बाद नगर विकास विभाग चुनाव का कार्यक्रम निर्धारित करेगा। मुख्यमंत्री की अनुमति के बाद इसे राज्य निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा। इसके आधार पर निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होगी। बताया जा रहा है कि इस बार छह चरणों में चुनाव कराने पर विचार-विमर्श चल रहा है।