एटा। थाना मिरहची क्षेत्र स्थित डीके पब्लिक स्कूल में मंगलवार को बुखार के चलते तीन छात्राएं बेहोश हो गईं, लेकिन उन्हें अस्पताल नहीं भेजा गया। विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही के चलते दो छात्राएं दो घंटे से अधिक समय तक वहीं बेहोश पड़ी रहीं। सूचना पर परिजन पहुंचे तो दोनों को मेडिकल कॉलेज लेकर आए। एक छात्रा को तीन और दूसरी को चार घंटे बाद होश आया।
गांव डुड़िया निवासी सुखवीर सिंह ने बताया कि 14 वर्षीय बेटी वैष्णवी कक्षा आठ की छात्रा है। मंगलवार की सुबह करीब 11 बजे उसे बुखार आ गया। दोपहर करीब 12 बजे बुखार के चलते बेटी बेहोश हो गई। इसके बाद विद्यालय से कॉल किया गया। बताया कि मैं पत्नी के साथ शहर में किसी कार्य से गया हुआ था। करीब पौने दो बजे विद्यालय पहुंचा तो वैष्णवी सहित एक और छात्रा बेहोश मिली। एक और छात्रा बेहोश हुई थी, जिसे उसके परिवार वाले पहले ही ले गए थे। दोनों को प्राइवेट वाहन से मेडिकल कॉलेज में लाकर भर्ती कराया।
आरोप लगाया कि विद्यालय की ओर से बेटी और उसकी सहेली अंशू पुत्री रमेश निवासी सुपैती को अस्पताल नहीं भेजा गया। जबकि विद्यालय में वाहन की व्यवस्था थी। विद्यालय की ओर से घोर लापरवाही बरती गई है।
बेहोशी की हालत में बेटियों के साथ कुछ भी हो सकता था। अंशू की हालत ज्यादा खराब थी और उसको करीब चार घंटे में होश आ सका। वहीं, विद्यालय के प्रधानाचार्य विनय गुप्ता ने बताया कि छात्राओं के बेहोश होने पर परिजन को सूचना दी गई। इससे पहले एक निजी चिकित्सक को भी दिखाया गया, लेकिन चिकित्सक कुछ समझ नहीं पा रहे थे। इसके बाद परिजन के साथ उन्हें विद्यालय वाहन से मेडिकल कॉलेज भेजा गया।