शामली। परिषदीय विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए शासन ने मेरा विद्यालय मेरी पहचान कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम में जिले के दो प्राथमिक व दो उच्च प्राथमिक और एक कंपोजिट विद्यालय का चयन किया जाएगा। चयनित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। इसके लिए आठ नवंबर तक प्रधानाध्यापकों से विद्यालय संबंधी विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग से संचालित परिषदीय विद्यालयों में नामांकन, उपस्थिति व अन्य गतिविधियों में सुधार लाने के उद्देश्य को लेकर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उप्र लखनऊ द्वारा मेरा विद्यालय मेरी पहचान कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को प्रतिभाग करना होगा। प्रधानाध्यापकों को अपने विद्यालय में नामांकन, ठहराव, संप्राप्ति, सामुदायिक सहयोग से आधारभूत सुविधाओं की व्यवस्था और बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने संबंधी विवरण अधिकतम 500 शब्दों में चार फोटो सहित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान को आठ नवंबर तक उपलब्ध कराना होगा। विद्यालयों से प्राप्त होने वाले विवरण के आधार पर डायट स्तर पर दो प्राथमिक, दो उच्च प्राथमिक और एक कंपोजिट विद्यालय का चयन किया जाएगा। चयन के लिए विद्यालयों की स्क्रीनिंग के लिए डायट स्तर पर गठित तीन सदस्यीय समिति तय मानकों के आधार पर करेगी। समिति में बाह्य विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। चयनित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। बेसिक शिक्षा के जिला समन्वयक अमित कुमार ने बताया कि मेरा विद्यालय मेरी पहचान कार्यक्रम के लिए प्रधानाध्यापकों से विद्यालय संबंधी विवरण मांगा गया है। चयनित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा।
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ये है मानक
– विद्यालय में छात्र संख्या।
– विद्यालयों में छात्रों की औसत उपस्थिति।
– प्राथमिक विद्यालयों में निपुण लक्ष्यों के सापेक्ष छात्रों की संप्राप्ति।
– समुदाय के सहयोग से विद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता व क्रियाशीलता।
– विद्यालय परिसर की साफ-सफाई, पर्यावरण संरक्षण और शौचालय की क्रियाशीलता।
– विद्यालय में पुस्तकालय की व्यवस्था एवं क्रियाशीलता