माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित होने वाले विद्यालयों में अब साइबर क्लब (Cyber Club) बनाए जाएंगे। छात्र-छात्रों को न सिर्फ इसकी जानकारी दी जाएगी, बल्कि इससे बचाव के तरीकों का भी पता लगाया जाएगा। इसका उद्देश्य लागतार बढ़ रही साइबर घटनाओं पर रोक लगाना है।
स्कूलों में साइबर क्लब का गठन हो जाने पर पहले चरण में छात्रों में छात्रों को जागरूक किया जाएगा ताकि वे इसके शिकार न हों। इसके बाद छात्रों को इस तरह के अपराध से बचाव और उनका पता लगाकर उसे रोकने के गुर सिखाए जाएंगे। जिले में 426 माध्यमिक विद्यालय हैं।
शिक्षा निदेशक माध्यमिक देव महेंद्र ने क्लब के गठन और इससे संबंधित गतिविधियों के संबंध में डीआइओएस (DIOS) को पत्र भेजा है। विभाग का मानना है कि साइबर अपराध (Cyber Crime) रोकनेे के लिए जागरूकता पैदा करना प्रमुख कार्य है। क्लब गठन के लिए सभी विद्यालयों में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया जाएगा।
इसमें संबंधित प्रधानाचार्य नोडल अधिकारी (Nodal Officer) होंगे। वहीं, वरिष्ठ अध्यापक को सदस्य सचिव नामित किया जाएगा। कंप्यूटर की जानकारी रखने वाला शिक्षक भी क्लब का सदस्य होगा। साइबर क्लब की गतिविधियों में कार्यशाला, सेमिनार, वाद-विवाद प्रतियोगिता के साथ ही रचनात्मक सत्र में पोस्टर मेकिंग, स्लोगन लेखन और लघु कहानियों का आयोजन किया जाएगा।
क्लब के गठन के लिए सभी माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को निर्देशित किया गया है। विभाग की ओर से मिले निर्देशों के अनुरूप ही क्लब गठित किया जाएगा।- सोमारु प्रधान, डीआइओएस