भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) खुदरा ग्राहकों के लिए ‘डिजिटल रुपया’ का पायलट परीक्षण कल से शुरू करने जा रहा है। इससे ग्राहकों के लिए लेनदेन करना और आसान हो जाएगा। डिजिटल रुपये को बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा और बैंकों के डिजिटल वॉलेट के जरिए ई-रुपये में लेनदेन कर पाएंगे।
ऐसे कर पाएंगे लेन-देन आम ग्राहक और कारोबारी बैंकों द्वारा जारी ई-वॉलेट के माध्यम से लेनदेन कर पाएंगे। आरबीआई ने कहा कि ई-रुपया के जरिए लेनदेन पर्सन टू पर्सन (पी 2पी ) और पर्सन टू मर्चेंट (पी 2एम) दोनों तरीकों से हो सकते हैं। मर्चेंट के पास दिख रहे क्यूआर कोड के जरिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। ई-रुपया के खुदरा उपयोग के पायलट परीक्षण में स्टेट बैंक ऑफ और आईसीआईसीआई बैंक समेत चार बैंक शामिल होंगे। इस साल बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल मुद्रा लाने का ऐलान किया था।
अभी किसी तरह का ब्याज नहीं आरबीआई ने कहा कि नकदी की तरह ई-रुपया के धारक को किसी तरह का ब्याज नहीं मिलेगा और इसे बैंकों के पास जमा के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। आरबीआई ने कहा कि यह डिजिटल रुपया परंपरागत नकद मुद्रा की ही तरह धारक को भरोसा व सुरक्षा और अंतिम समाधान की खूबियों से भी लैस होगा।
योजनाओं में फायदेमंद इसका उपयोग आने वाले समय में सरकारी योजनाओं के तहत दवा, पोषण सामग्री आदि उपलब्ध कराने वाली योजनाओं, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, उर्वरक सब्सिडी आदि जैसी योजनाओं के तहत सेवाएं देने के लिए भी किया जा सकता है।
ई-रुपये के फायदे
- व्यापार में पैसों के लेनदेन का काम हो जाएगा आसान
- मोबाइल वॉलेट की तरह बिना इंटरनेट के लेनदेन होगा
- चेक, बैंक अकाउंट से लेनदेन का झंझट नहीं रहेगा
- नकली नोट की समस्या से छुटकारा मिलेगा। नोट की प्रिंटिंग का खर्च बचेगा