वाराणसी, । आंगनबाड़ी केंद्रों की बुनियादी हालत और शैक्षिक गुणवत्ता पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं लेकिन जिले के 75 केंद्रों ने आईएसओ 90012015 प्रमाणपत्र हासिल करके यह धारणा बदलने की कोशिश की है। इन केंद्रों ने अच्छी बुनियादी सुविधाएं, बच्चों को बेहतर आहार (न्यूट्रीशन), सेहत की नियमित जांच, गुणवत्तापूर्ण प्री स्कूल शिक्षा व कुपोषण की दर में कमी लाकर अपनी अलग पहचान बनाई है। जिले में कुल 3914 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इनमें 3600 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और 2929 सहायिकाएं कार्यरत हैं। इन सेंटरों में नन्हें-मुन्नों को प्री स्कूल एजुकेशन दिया जाता है। जनपद के कई आंगनबाड़ी केंद्रों को वेदांता ग्रुप ने नंदघर की तर्ज पर विकसित किया है। वहां कुर्सी, मेज, प्रोजेक्टर समेत कई आधुनिक सुविधाएं हैं।
आवेदन-सत्यापन के बाद मिला ‘पुरस्कार’ जिले के 75 आंगनबाड़ी केंद्रों ने पहले इंटरनेशनल स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन (आईएसओ) की नई दिल्ली स्थित कार्यालय में आवेदन किया। तब आईएसओ की टीम ने उन केंद्रों का स्थलीय सत्यापन किया। निर्धारित मानकों के हिसाब से व्यवस्था देखी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सुपरवाइजर, विभागीय अधिकारियों और वेदांता ग्रुप से जुड़े लोगों से बात करके सभी बिंदुओं पर पड़ताल की।