श्रावस्ती जिले में बगैर मान्यता 192 मदरसों का संचालन किया जा रहा है। इनमें से कुछ मस्जिद तो कुछ सरकारी जमीन पर संचालित कराए जा रहे हैं। इनमें से ज्यादातर मदरसों में संसाधनों का अभाव है। सबसे ज्यादा जमुनहा तो सबसे कम इकौना विकास क्षेत्र में ऐसे मदरसों का संचालन किया जा रहा है। जिसकी सूची शासन को भेजी गई है। जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद बगैर मान्यता संचालित मदरसों का सर्वे कराया गया।
जांच के दौरान जिले में कुल 192 मदरसे वगैर मान्यता संचालित मिले। इनमें से मदरसा दारुल उलूम इमाम इहमद राज अहले सुन्नत वन जमात पारावन मोहम्मदपुर कला, गौसिया दस्तगीरुल उलूम काजीपुरा लक्ष्मनपुर मजगवा, मदरसा गौसिया अहले सुन्नत मदारुल उलूम सीतनपुरवा इकौना,मदरसा कदरिया फेजाने रजा परशुरामपुर, जामिया काश्मिया दारुल उलूम उस्मानिया मस्जिद में संचालित किया जा रहा है।
वहीं मदरसा अहले सुन्नत रजाए ख्वाजा पिपरहवा कब्रिस्तान की भूमि पर संचालित हो रहा है। मदरसा अरबिया अमीरुल उलूम दरगाह पीरवितानी सैफ त्रिलोकपुर रहमतु गांव मजार दरगाह की भूमि पर संचालित हो रहा है। मदरसा रजाए मुस्तफा तालीमुल कुरान दान की भूमि पर संचालित हो रहा है।
इसके साथ ही अहले सुन्नत मदारुल उलूम तालबधौड़ा, मदरसा जामिया इस्लामिया चिश्तिया गरीब नवाज अली नगर, मदरसा अलजामिया फेजुल इस्लाम कटरा, गुलशने मदीना, कंजुल ईमान लिलबनात प्रतापपुर कानी बोझी, मदरसा गौसिया जियाउल कुरान हसनपुर बेगमपुर, मदरसा अशरफिया इजहारुल उलूम बगमरी बेगमपुर, मदरसा मसूदिया दारुल उलूम गरीब नवाज रजा नगर भेला गांव सरकारी भूमि पर संचालित है। यह भूमि ग्राम समाज, नवीन व पुरानी परती अथवा खलिहान की है।
वहीं मदरसा इशायतन अंजुल इस्लामिया स्कूल चैनपुर किराए के भवन पर संचालित हो रहा है। शेष मदरसे निजी भवनों में संचालित हो रहे हैं। इनमें किसी मदरसे में शौचालय का अभाव है तो किसी में बिजली अथवा पानी या फिर फर्नीचर की सुविधा नदारद है। ज्यादातर मदरसों में खुद का भवन तक नहीं है। कोई छप्पर तो कोई टीनशेड तो कोई बरामदे में संचालित हो रहे हैं। जिसकी रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। इस बारे में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी देवेंद्र राम ने बताया कि बगैर मान्यता संचालित मदरसों की सूची शासन को भेजी गई है। जो भी कार्रवाई होनी होगी वहीं से तय होगी।