लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में होने वाले निर्माण कार्यों की देखरेख अब विद्यालय प्रबंध समिति की उप समिति करेगी। इस चार सदस्यीय समिति में विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष के अलावा दो अभिभावक सदस्य व विद्यालय प्रबंध समिति में नामित पदेन शासकीय सेवक जो शिक्षकों से अलग हो, शामिल होंगे। निर्माण सामग्री खरीद से लेकर विभिन्न कार्यों तक में इनका दखल होगा।
प्रमुख सचिव दीपक कुमार की ओर से जारी निर्देशों के तहत निर्माण कार्यों के लिए एक उप समिति बनाई जाएगी। उप समिति में दो अभिभावकों को बतौर सदस्य शामिल किया जाएगा। इनका चयन विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक में बहुमत के आधार पर होगा। विद्यालय निर्माण के लिए उप समिति के न्यूनतम तीन सदस्यों की सहमति से विद्यालय निर्माण सामग्री खरीदी जाएगी। खरीदी सामग्री का विवरण प्रधानाध्यापक द्वारा साइट पंजिका में दर्ज किया जाएगा। निर्माण सामग्री की गुणवत्ता उप समिति के तीन सदस्य प्रमाणित करेंगे। इनमें से एक सदस्य पदेन शासकीय सेवक होगा। बीएसए द्वारा निर्माण कार्यों की प्रगति व गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से निरीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। विद्यालय निर्माण कार्यों व अन्य सभी कार्यों के संबंध में विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के बाद क्रियान्वयन के लिए अध्यक्ष व सदस्य सचिव प्रधानाध्यापक अधिकृत होंगे। प्रत्येक वर्ष जुलाई में विद्यालय प्रबंध
समिति व निर्माण के लिए गठित उप समिति के अभिभावक सदस्यों की सूची अपडेट की जाएगी। उसी के अनुसार खाता संचालन में जरूरत के अनुसार संशोधन बीएसए की अनुमति से होगा। सभी निर्माण कार्यों को संपत्ति रजिस्टर में व खरीदी गई वस्तुओं को स्टॉक रजिस्टर में अंकित किया जाएगा। साइट पंजिका, संपत्ति रजिस्टर व स्टॉक रजिस्टर जैसे सभी अभिलेखों को प्रधानाध्यापकों को सुरक्षित रखना होगा।