विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने के मकसद से केंद्रीय विद्यालय संगठन ने महत्वपूर्ण पहल की है। केंद्रीय विद्यालयों में संविदा पर विशेष शिक्षक रखने के आदेश हुए हैं। संगठन के संयुक्त आयुक्त (एकेडमिक) एनआर मुरली ने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के उपायुक्तों को पत्र लिखकर विशेष शिक्षकों के नियमित पद सृजित होने तक प्रत्येक विद्यालय में अनिवार्य रूप से संविदा पर विशेष शिक्षक रखने के आदेश दिए हैं।
विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के मानक भारतीय पुर्नवास परिषद (आरसीआई) के अनुसार होंगे। संविदा शिक्षकों की तैनाती की सूचना 30 नवंबर तक मांगी गई है। इससे पहले तीन जून 2016 और चार जुलाई 2018 को विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश दिए गए थे लेकिन वर्तमान में देशभर में संचालित 1225 केंद्रीय विद्यालयों में से अधिकांश में विशेष आवश्यक वाले बच्चों के शिक्षण के लिए स्पेशल एजुकेटर्स (विशेष शिक्षक) नहीं हैं। एक याचिका की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने 17 नवंबर को 987 विशेष शिक्षकों को रखने के आदेश दिए थे। वर्तमान में केंद्रीय विद्यालयों में 5625 विशेष बच्चे विभिन्न कक्षाओं में अध्ययनरत हैं, जबकि संगठन के स्कूलों में वर्तमान में कुल 40 विशेष शिक्षक संविदा पर हैं।
पांचवी तक दस दिव्यांग बच्चों पर एक शिक्षक का प्रावधान प्रयागराज। सरकारी प्राथमिक स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक दस दिव्यांग बच्चों और छठी से आठवीं कक्षा तक 15 दिव्यांग बच्चों का नामांकन होने पर एक विशेष शिक्षक (स्पेशल एजुकेटर) रखने का प्रावधान है। निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) 2009 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार ने 21 सितंबर को अधिसूचना जारी की है जो कि सभी राज्यों पर समान रूप से प्रभावी है।
केवि न्यू कैंट में 57 दिव्यांग विद्यार्थी
केंद्रीय विद्यालय न्यू कैंट में पंजीकृत 5138 छात्र-छात्राओं में से 57 दिव्यांग श्रेणी के हैं। केवि ओल्ड कैंट में 2376 बच्चों में से 13 बच्चे दिव्यांग हैं। केवि मनौरी में 1977 बच्चों में से पांच, इफको फूलपुर में 978 बच्चों में से दो, सीओडी छिवकी में 602 बच्चों में से एक बच्चा विशेष आवश्यक श्रेणी का है।