इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से प्रदेश के परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के पद सीधी भर्ती से भरने को लेकर शुरू की गई प्रक्रिया अचानक बंद कर देने पर जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने विपिन कुमार शर्मा व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
याचियों की ओर से अधिवक्ता ऋषि श्रीवास्तव और रजत ऐरन ने कहा कि राज्य सरकार ने अध्यापकों की सेवा नियमावली में संशोधन करते हुए 11 जुलाई 2013 को शासनादेश जारी किया है, जिसके तहत उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के पद सीधी भर्ती से भरे जाने थे। इस क्रम में 29334 गणित-विज्ञान के सहायक अध्यापकों के पद पर सीधी भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई। इस भर्ती के बाद सीधी भर्ती की प्रक्रिया को बंद कर दिया गया। सरकार ने 29334 गणित-विज्ञान के अध्यापकों की भर्ती में बचे हुए 3000 पदों को भी सीधी भर्ती से भरने से इनकार कर दिया। कहा गया कि सरकार का यह कदम सेवा नियमावली में किए गए संशोधन के विपरीत है। याचिका का विरोध करते हुए अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी व अधिवक्ता अर्चना सिंह का कहना था कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है। याचिका विलंब से दाखिल की गई है इसलिए पोषणीय नहीं है। याचियों के अधिवक्ताओं का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भर्ती प्रक्रिया का निलंबन विचाराधीन है जबकि प्रक्रिया समाप्त किए जाने के निर्णय को चुनौती नहीं दी गई। कोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए 14 दिसंबर तक की मोहलत दी है।