फर्रुखाबाद जिले में कायमगंज थाना क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा का स्तर गिरता ही जा रहा है। 10 स्कूलों में दो शिक्षक और चार शिक्षा मित्रों पर पढ़ाई का जिम्मा है।
ऐसे में स्कूल लेटलतीफ भी खुलते हैं और बच्चे स्कूल के बाहर शिक्षक के आने का इंतजार करते रहते हैं।
नगर में 10 परिषदीय विद्यालय हैं। इनमें से छह विद्यालय किराये के भवन में संचालित हैं। उनके पास खुद का भवन भी नहीं है। 10 स्कूलों में दो शिक्षक तैनात हैं।ऐसे में एक शिक्षक पर पांच-पांच स्कूलों को देखने की जिम्मेदारी है। सभी स्कूलों में चार शिक्षा मित्र हैं।
एक स्कूल में एक शिक्षा मित्र हो, तो तब भी गनीमत रहे। प्राथमिक विद्यालय बजरिया रामलाल 1955 से किराये के भवन में चल रहा है। भवन भी जर्जर हालत में हैं। बच्चे खुले आसमान में बैठकर पढ़ते हैं। यहां एक शिक्षा मित्र शिरीष कुमार तैनात हैं। शुक्रवार को यहां खुले आसमान में बच्चे बैठे थे।
रसोइया काजुल उन्हें गिनती पढ़ा रहीं थीं। पूछे जाने पर शिक्षा मित्र ने बताया शिक्षक हैं नहीं। यहां तीन रसोइयां हैं। इनमें काजुल और शीतल इंटर पास हैं। यह बच्चों को पढ़ाने में मदद करतीं हैं। नगर के अधिकांश स्कूलों का यही हाल है। अक्सर शिक्षक समय से नहीं पहुंच पाते हैं।
शिक्षक बोले- कैसे समय पर पहुंचे
उनका कहना है पांच-पांच स्कूलों का जिम्मा है, तो कैसे समय पर पहुंचे। मोहल्ला काजम खां के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में शुक्रवार सुबह बच्चे शिक्षक के आने का इंतजार करते देखे गए। इसके बाद में जब शिक्षक पहुंचे, तो स्कूल का ताला खुल सका।
नगर शिक्षा अधिकारी राजनारायण कुशवाहा ने बताया कि वे खुद बच्चों का पढ़ाने का काम कर रहे हैं। शिक्षकों की कमी है। बीआरसी के शिक्षकों को नगर में तैनात नहीं किया जा सकता है। अब जैसे भी व्यवस्था चल रही है, उसे चलाया जा रहा है।
हिमांशु अवस्थी