गोंडा। दूसरों के अभिलेख पर परिषदीय स्कूलों में शिक्षक की नौकरी हासिल की। सात सालों में फर्जी शिक्षक चिन्हित हुए और हुए उनको सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। मगर वेतन हड़पने वाले इन 56 शिक्षकों से अब तक रिकवरी नहीं की जा सकी है।
वित्त एवं लेखा विभाग ने फर्जी शिक्षकों को वेतन के नाम पर दिए गए चार करोड़ रुपये की वसूली की रिपोर्ट तैयार की गई है। लेकिन फर्जीवाड़े से नौकरी हासिल करने वालों की असल पहचान न होने के कारण वसूली फंसी है। विभाग अब तक ऐसे लोगों से वसूली नहीं कर सका है।
परिषदीय स्कूलों में फर्जी अभिलेखों के आधार पर बीते कई सालों से नौकरी कर रहे 56 शिक्षक फर्जीवाड़े के दायरे में आ चुके है। सेवा के दौरान सरकारी खजाने से वेतन के रूप में चार करोड़ की धनराशि दी गई थी। वित्त एवं लेखा विभाग के दिए वेतन की रिकवरी का फरमान कागजी बना है।
बीएसए के स्तर से बर्खास्तगी आदेश के साथ ही वेतन की राजकोष में जमा कराने का निर्देश दिया था. लेकिन फर्जीवाड़ा कर बने शिक्षकों से वेतन राशि की रिकवरी नहीं हो सकी है। विभाग राजस्व विभाग के माध्यम से वसूली की आरसी जारी कराए जाने की तैयारी कर रहा है।