प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में अब मृतक आश्रित पौत्र-पौत्री की भी नियुक्ति होगी। शासन ने माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 में संशोधन करते हुए नई व्यवस्था लागू की है। अब तक मृतक आश्रित के कुटुम्ब का सदस्य मृतक की विधवा/विधुर, पुत्र, अविवाहित या विधवा पुत्री को माना जाता था।
बदली व्यवस्था में कुटुम्ब का सदस्य पत्नी या पति, पुत्र या दत्तक पुत्र, पुत्रियां (जिसमें विधवा दत्तक पुत्रियां सम्मिलित हैं) और विधवा पुत्रवधु, आश्रित अविवाहित भाई, अविवाहित बहन, विधवा मां (यदि मृत सरकारी सेवक अविवाहित था) और यदि इनमें से कोई भी संबंधी नहीं है तो ऐसी स्थिति में आश्रित पौत्र या अविवाहित पौत्री को भी नियुक्ति मिलेगी। प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने 24 नवंबर को शिक्षा निदेशक को अधिनियम में बदलाव संबंधी आदेश भेजा है। इसके अलावा नियुक्ति के लिए जिला स्तरीय समिति में भी बदलाव किया गया है। पहले डीआईओएस की अध्यक्षता में गठित होने वाली समिति में बेसिक शिक्षा अधिकारी भी सदस्य होते थे। अब बीएसए के स्थान पर राजकीय इंटर कॉलेज या राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के वरिष्ठतम प्रधानाचार्य को सदस्य बनाया गया है।