नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और आवासीय स्कूलों में छठी से 12वीं कक्षा तक की छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड और अलग शौचालय की मांग वाली याचिका पर केंद्र व राज्यों को नोटिस जारी किया।
इस मामले में अगली सुनवाई जनवरी के दूसरे हफ्ते में होगी। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने याचिका में उठाए गए मुद्दे के महत्व को देखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस मामले में सहायता करने का अनुरोध किया।
■ याचिका में कहा गया कि मासिक धर्म सुरक्षित पानी, स्वच्छता और हाइजीन की आवश्यकता को विशेष रूप से युवतियों के लिए महत्वपूर्ण बनाता है। ऐसी स्थितियों में सुरक्षित पानी, स्वच्छता और हाइजीन तक पहुंच जीवन और मृत्यु का मामला हो सकता है।
■ याचिकाकर्ता जया ठाकुर के अनुसार, गरीब पृष्ठभूमि से आने वाली 11 से 16 साल की उम्र की छात्राओं की अक्सर हाइजीनिक तरीकों तक पहुंच नहीं हैं। सरकार इस दिशा में कदम उठा रही है, लेकिन वे पूरे देश में सभी लड़कियों को कवर करने में सक्षम नहीं हैं।