प्रतापगढ़। परिषदीय विद्यालयों की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने विद्यालयों के शिक्षण कार्य की निगरानी के लिए अब सेवानिवृत्त शिक्षकों का सहयोग लेने का निर्णय लिया है। इनका चयन शिक्षक साथी के तौर पर जिलास्तर पर गठित समिति करेगी। इनका कार्यकाल एक वर्ष का होगा। यह शिक्षक अपने अनुभवों को बच्चों और शिक्षकों के बीच साझा करेंगे।
जिले में 2264 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक, प्रधानाध्यापक के रूप में न्यूनतम पांच वर्ष शिक्षण कार्य का अनुभव रखने वाले सेवानिवृत्त शिक्षकों को एक वर्ष के लिए तैनात किया जाएगा। 70 वर्ष से कम आयु के सेवानिवृत्त शिक्षक इसके पात्र मानें जाएंगे। इनका चयन एक वर्ष के लिए होगा।
बाद में अच्छा कार्य करने वाले शिक्षकों का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा। राज्यपाल और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को चयन में वरीयता मिलेगी। शिक्षक साथी को मानदेय के रूप में 2500-2500 रुपये मिलेंगे।
उनकी उपस्थिति उनकी तरफ से सपोर्ट सुपरविजन रिपोर्ट प्रेरणा एप पर अपलोड करने पर मानी जाएगी। उसी के अनुसार उन्हें मानदेय भत्ता मिलेगा। एक शिक्षक साथी को महीने में कम से कम 30 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में प्रेरणा ऐप के माध्यम से निरीक्षण की सूचना देनी होगी।
खेलकूद की गतिविधियों की देनी होगी रिपोर्ट
निरीक्षण के दौरान बच्चों की प्रार्थना सभा, बैठक व्यवस्था, समय सारणी का प्रयोग, बाल संसद, मीना मंच, पुस्तकालय, खेलकूद जैसी गतिविधियां देखनी होगी। विद्यालय में उपलब्ध प्रिंट रिच सामग्री, टीएलएम, मैथ एवं साइंस किट्स, लाइब्रेरी बुक एवं तालिका का प्रयोग सुनिश्चित करना होगा। ब्लॉक स्तर पर होने वाली प्रधानाध्यापकों की मासिक बैठक में शिक्षक साथी अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे।
70 वर्ष से कम आयु के रिटायर शिक्षकों को शिक्षक साथी के रुप में तैनात किया जाने का पत्र आया है, जल्द ही ऐसे शिक्षकों के चयन की कार्रवाई प्रारंभ होगी। रिटायर शिक्षकों से प्रेरणा लेकर स्कूलों में नियुक्त शिक्षक गुणवत्ता सुधार करेंगे। में
भूपेंद्र सिंह, बीएसए