इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश भर के ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर और अकाउंटेंट के स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब भी मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने कैलाश चंद्र व 13 अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। याचियों का कहना है कि स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर सर्व शिक्षा अभियान ने प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को 27 जून 2022 को आदेश जारी कर ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर और अकाउंटेंट के स्थानांतरण का निर्देश दिया है। इस आदेश के अनुपालन में 29 जून 2022 और 30 जून 2022 के आदेश से उनका स्थानांतरण दूरदराज के ब्लॉकों में कर दिया गया। याचियों का कहना है था कि उनकी नियुक्ति संविदा के आधार पर 10000 रुपये प्रतिमाह पर एक वर्ष के लिए की गई है। संविदा की अवधि हर वर्ष बढ़ाई जाती है। याचियों को उनके घर के नजदीक के ब्लॉकों में नियुक्ति दी गई है। याचियों का कहना है कि आउटसोर्सिंग कंपनी के साथ हुई संविदा में न तो स्थानांतरण की कोई शर्त है और न ही उनके स्थानांतरण का कोई प्रावधान है। मानदेय कम होने के कारण दूरदराज के ब्लॉकों में भेजे जाने से उन्हें काम करने में परेशानी हो रही है। कई न्यायिक निर्णयों का हवाला देकर किया भी कहा गया कि उनकी नियुक्ति में स्थानांतरण का प्रावधान नहीं है।