आगरा, परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की मनमानी पर शासन लगातार शिकंजा कस रहा है। नए शासनादेश के अनुसार अब शिक्षण कार्य के समय में वह अन्य काम अब बिल्कुन नहीं कर पाएंगे। पढ़ाई के समय सिर्फ पढ़ाई और मध्याह्न भोजन अवकाश के समय ही विद्यार्थियों को भोजन कराया जाएगा। पढ़ाई के दौरान कोई अन्य काम करते पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
जिला बेसिक शिक्षाधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि निदेशक मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने निर्देश दिए हैं कि एक अक्टूबर से 31 मार्च तक मध्याह्न भोजन का समय सुबह 11.55 से दोपहर 12.25 बजे तक होगा, जबकि एक अप्रैल से 30 सितंबर तक यह सुबह 10.15 बजे से 10.45 तक रहेगा।
इसलिए उठाया कदम
यह निर्णय शासन स्तर से इसलिए उठाया गया क्योंकि शिकायत मिल रही थीं कि व्यवस्था में ढिलाई होने का फीड बैक मिल रहा था। अधिकारियों के निरीक्षण में यह बात सामने आई कि विद्यालयों में निर्धारित समय के बाद भी मध्याह्न भोजन का वितरण चलता रहता था।
पाना है निपुण लक्ष्य
जिला बेसिक शिक्षाधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में विद्यार्थियों को बुनियादी साक्षरता व अकं गणितीय दक्षता सुनिश्चित करने के लिए निपुण भारत मिशन प्राथमिकता से चलाया जा रहा है। इसमें शिक्षकों को कक्षा शिक्षण के लिए अधिक से अधिक समय उपलब्ध कराना अनिवार्य है और विद्यार्थियों के पठन-पाठन के लिए अधिकतम समय उपलब्ध कराने के लिए ही यह कदम उठाए जा रहें हैं। इससे पहले शिक्षकों को निर्धारित समय से 15 मिनट पहले विद्यालय पहुंचने और छुट्टी के बाद 30 मिनट तक विद्यालय में रहकर रजिस्टर व एंट्री संबंधी काम निपटाने के साथ शैक्षणिक अवधि में विद्यालय के बाहर न जाने के निर्देश पहले ही दिए थे।