अफसरों की बेरुखी के कारण शिक्षा निदेशालय अनाथ हो गया है। माध्यमिक और बेसिक शिक्षा के बड़े अधिकारी लखनऊ में बैठ रहे हैं जिसके कारण सामान्य विभागीय गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं।
प्रदेश के 1.50 लाख से अधिक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों को नियंत्रित करने के साथ उनमें कार्यरत लाखों शिक्षकों की सेवाएं देखने वाले बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल जुलाई 2020 में इस पद पर नियुक्ति के बाद से ही कार्यालय में नहीं बैठ रहे।
वह अपना सारा सरकारी कामकाज लखनऊ से ही कर रहे हैं। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डॉ. महेन्द्र देव को नौ नवंबर को माध्यमिक शिक्षा निदेशक का कार्यभार मिलने के बाद से वे भी यहां नहीं बैठ रहे। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक ही शिक्षा निदेशालय के प्रशासनिक मुखिया होते हैं और उनके यहां नहीं बैठने से स्टाफ की भी निगरानी नहीं हो पा रही। इनके अलावा अपर शिक्षा निदेशक राजकीय केके गुप्ता भी लखनऊ से ही रिमोट से कार्यालय संचालित कर रहे हैं। शिक्षा निदेशालय मिनिस्टीरियल कर्मचारी संघ के मंत्री प्रदीप कुमार सिंह ने मंगलवार को महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरन आनंद को ई-मेल भेजकर वर्तमान परिस्थितियों पर आपत्ति जताई है। प्रदीप सिंह ने मुख्यमंत्री से लेकर अन्य आला अधिकारियों को ज्ञापन भेजकर अफसरों के निदेशालय में बैठकर शासकीय दायित्व निर्वहन करवाना सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है।