माध्यमिक शिक्षा यानी कक्षा नौ से बारह तक के छात्रों के मूल्यांकन का तरीका बदलने की तैयारी है। यहां भी कक्षा 9 से 12 तक के लिए लर्निंग आउटकम तय किए जाएंगे और उस आधार पर ओएमआर शीट पर परीक्षा ली जाएगी। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। इसकी कार्ययोजना दिसम्बर के अंत तक शासन को सौंपी जाएगी। अगले सत्र से इसे लागू कर दिया जाएगा।
लर्निंग आउटकम निर्धारण पर शुरू हुआ काम कक्षा 9 से 12 तक गणित, विज्ञान, अंग्रेजी समेत अन्य कई विषयों के लर्निंग आउटकम एससीईआरटी तैयार कर रहा है। बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए ओएमआर शीट दी जाएगी। वहीं वर्णनात्मक परीक्षा के प्रश्नपत्र और उत्तरपुस्तिका दी जाएगी। विद्यार्थियों के उत्तर के आधार पर शिक्षक ओएमआर शीट पर उसका आकलन करेंगे और सरल एप से अपलोड किया जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा के अधिकारियों को विद्या समीक्षा केन्द्र की कार्यप्रणाली देखने के निर्देश दिए हैं। यह समीक्षा केन्द्र समग्र शिक्षा के तहत स्थापित किया गया है, यहां से बेसिक शिक्षा विभाग की सभी योजनाओं और स्कूलों की गतिविधियों पर नजर रखी जाती है। अब यहां से कक्षा 9 से 12 तक की शिक्षा पर भी नजर रखी जाएगी। शुरुआत में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा प्रश्नपत्र तैयार किए जाएंगे, बाद में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की मदद ली जा सकती है। मूल्यांकन की कार्ययोजना बनाने की जिम्मेदारी अपर शिक्षा निदेशक प्रयागराज को सौंपी गई है। रिपोर्ट कार्ड का डिजायन भी नया बनाया जाएगा। अभी तक यूपी बोर्ड में कक्षा 9 से 12 तक में दो तिमाही, एक छमाही और परीक्षाएं तो ली जाती हैं लेकिन इसका परीक्षाफल स्कूलों में ही होता है। तिमाही परीक्षाओं में वर्णनात्मक और बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए अलग-अलग पेपर लिए जाते हैं। इसके बाद पूरा ब्यौरा एक डैशबोर्ड पर रहेगा।
बेसिक शिक्षा में ली जा रही तकनीक की मदद
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में इस सत्र से तिमाही परीक्षाएं ओएमआर शीट पर ली जाने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए सरल एप को विकसित किया गया है, जिस पर उत्तरपुस्तिका को स्कैन करते ही रिजल्ट सामने आ जाता है। हर कक्षा के लिए निपुण तालिका या लर्निंग आउटकम तय किए गए हैं। रिजल्ट के आधार पर ही आगे पढ़ाने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाती है।