जीवन में अभी असली उड़ान बाकी है, हमारे इरादों का अभी इम्तिहान बाकी है। अभी तो नापी है हमने थोड़ी मुट्ठी भर जमीन,अभी तो नापने के लिए पूरा आसमान बाकी है। छोटी उम्र को पीछे छोड़कर तराई के होनहार इसी उद्देश्य को अस्त्र बनाकर कर कामयाबी की बुलंदियों को छू रहे हैं। एक तकनीक से तस्वीर बदलने का माद्दा रखता तो दूसरा तरणताल में प्रतिद्वंदियों को मात देकर जिले के साथ ही प्रदेश का नाम रोशन कर रहा है। बाल दिवस पर ऐसे बालपन की कामयाबी को हर कोई सलाम कर रहा है।
सुफियान ने कबाड़ से बनाया कृषि यंत्र, डीएम हुए कायल :
बहराइच के फखरपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत बटुरहा के सुफियान कक्षा आठ का छात्र है। विगत दिनों जिला स्तरीय प्रदर्शनी में सुफियान ने कबाड़ से बनाए धान थ्रेसर, पम्पिंग सेट, घास निराई, आलू बोआई व चारा मशीन की भी प्रदर्शनी लगाई। डीएम डॉ. दिनेश चंद्र सुफियान के तकनीक से तदवीर बदलने की सोच के कायल हुए। कहा कि छोटी उम्र में वैज्ञानिक सोच पर आधारित सुफियान की तकनीक भविष्य में राष्ट्र निर्माण के काम आएगी। सुफियान बताते हैं कि गांव में लोगों को मजदूरों की कमी से जूझते हुए लोगों को देखकर उनका दर्द महसूस होता था। जिससे उसने यह यंत्र बनाए हैं। सुफियान ने बताया कि कृषि विज्ञान के शिक्षक एसके चौबे के मार्गदर्शन में उसने यंत्र बनाने की दक्षता सीखी है। महसी विधायक सुरेश्वर सिंह ने उसकी पीठ थपथपाई।
स्टेट लेबल की प्रतियोगिता में पुरस्कारों की झड़ी लगा दी
बहराइच शहर के मोहल्ला गुलामअलीपुरा निवासी अनुतोष कमल बैडमिंटन में अपनी प्रदेश व देश स्तर पर छाप छोड़ रहे हैं, तो उनका बेटा दिव्यांश भी पीछे नहीं है। मेरठ व बरेली में आयोजित हुए प्रदेश स्तरीय तरणताल प्रतियोगिता में प्रतिद्वदियों को मात ही नहीं दिया बल्कि सोना झटक कर प्रदेश का भी नाम रोशन किया। जिला क्रीड़ा अधिकारी नीरज कुमार मिश्र बताते हैं कि संसाधनों के अभाव के बीच तराई की मेधा अपनी चमक बिखेर रही है। दिव्यांश जिला व मंडलस्तरीय प्रतियोगिता में कामयाबी का झंडा गाड़ रहा है।