गोंडा। परिषदीय स्कूलों के सहायक अध्यापकों को न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के दायरे में आना ही होगा। बेसिक शिक्षा के वित्त नियंत्रक ने सख्ती शुरू कर दी है। अप्रैल 2004 के बाद नियुक्त शिक्षकों और कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बंद कर दी गई थी। उनके लिए न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) लागू किया है, जिसका शिक्षक व कर्मचारी विरोध कर रहे हैं।
पुरानी पेंशन बहाली की मांग और एनपीएस के विरोध से विभाग हाथ बांधे रहा और नए शिक्षकों व कर्मचारियों को एनपीएस से नहीं जोड़ा जा सका। 18 सालों में नियुक्तियां तो बड़े स्तर पर हुईं, लेकिन अब तक एनपीएस के दायरे में नहीं आ सके। शिक्षकों को एनपीएस में शामिल करने के लिए शासन ने कड़ा रुख अपनाया है। इसके बाद ब्लॉकों को सूची भेजी गई है।
जिले में साल 2004 के बाद नियुक्त करीब 7800 शिक्षकों में सिर्फ 1300 शिक्षक ही एनपीएस में शामिल हैं। इसके अलावा 5,500 शिक्षकों के एनपीएस की कटौती नहीं हो रही है। एक शिक्षक से उनके वेतन से दस फीसदी अंश की कटौती एनपीएस में होनी है। इसमें शासन भी अपना अंशदान देती है, लेकिन अंशदान उन्हीं को मिलता है जिनकी कटौती हो रही है। विरोध के कारण शिक्षकों ने एनपीएस की कटौती ही नहीं कराई। अब शासन ने सख्त रुख अपनाया है।
वित्त एवं लेखाधिकारी व बीएसए को शिक्षकों के एनपीएस कटौती कराने के निर्देश दिए हैं। विभाग के अधिकारियों को शिक्षकों से एनपीएस का आवेदन कराकर कटौती शुरू कराया जाना है। इसके लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। वित्त एवं लेखा विभाग की ओर से एनपीएस का फार्म और एनपीएस से बाहर शिक्षकों की सूची भेजी है।
विरोध कर रहे हैं संगठन, बढ़ सकता विभाग में रार
न्यू पेंशन स्कीम का सभी शिक्षक व कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। पुरानी पेंशन बहाली की मांग के लिए हर स्तर पर ज्ञापन और प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी बीच एनपीएस की कटौती शत प्रतिशत शिक्षकों की कराने के निर्देश से विभाग में रार बढ़ने के आसार दिख रहे हैं। शिक्षक संगठनों का पूरा जोर है कि पुरानी पेंशन बहाल की जाए।
दबाव बनाया तो विरोध भी होगा
शिक्षकों को एनपीएस में शामिल करने का दबाव बनाया गया तो विरोध होगा। पुरानी पेंशन की बहाली की मांग किया जा रहा है और मामला कई स्तरों पर विचाराधीन है। ऐसे में एनपीएस कटौती स्वीकार नहीं है। विनय कुमार तिवारी, अध्यक्ष उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ
कटौती के मिले हैं निर्देश
शासन से एनपीएस कटौती कराए जाने के निर्देश मिले हैं। जिसके तहत प्रक्रिया की जा रही है। शिक्षकों को इसके बारे में जानकारी दी जा रही है।
अखिलेश प्रताप सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी