उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस)-2022 की मुख्य परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों से अभ्यर्थन वापसी के लिए आवेदन मांग लिए हैं। अगर कुछ अभ्यर्थी आवेदन देते हैं तो मुख्य परीक्षा में शामिल अन्य अभ्यर्थियों के लिए चयन के अवसर बढ़ जाएंगे।
परीक्षा नियंत्रक अजय कुमार तिवारी के अनुसार ऐसे अभ्यर्थी जो किसी अन्य पद पर चयनित हो चुके हैं और अब पीसीएस-2022 में अभ्यर्थन नहीं रखना चाहते हैं, वे अपना अभ्यर्थन निरस्त कराने के लिए अपनी रजिस्टर्ड ई-मेल आईडी से आयोग की ई-मेल आईडी ‘[email protected]’ पर 17 नवंबर तक अपना प्रार्थनापत्र भेज सकते हैं। अभ्यर्थी को अपने प्रार्थनापत्र में अभ्यर्थन निरस्तीकरण के स्पष्ट कारणों का अनिवार्य रूप से उल्लेख करना होगा।
इससे पूर्व आयोग ने आरओ/एआरओ परीक्षा-2021 के अभ्यर्थियों से भी अभ्यर्थन वापसी के लिए प्रार्थनापत्र मांगे थे और 14 अभ्यर्थियों ने इसके लिए प्रार्थनापत्र दिए थे। पीसीएस-2022 की मुख्य परीक्षा में शामिल अभ्यर्थी और प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखकर मांग की थी कि पीसीएस-2022 में भी अभ्यर्थन वापसी के लिए आवेदन मांगे जाएं।
दरअसल, आयोग ने 19 अक्तूबर को पीसीएस-2021 का अंतिम चयन परिणाम जारी किया था, जिसमें 678 में से 627 पदों पर अभ्यर्थियों का चयन हुआ, जबकि 51 पद उपयुक्त अभ्यर्थी न मिलने के कारण खाली रह गए थे। इस परीक्षा में एसडीएम, डिप्टी एसपी समेत अन्य उच्च पदों पर चयनित अभ्यर्थियों में से बड़ी संख्या ऐसे अभ्यर्थियों की है, जो पीसीएस-2022 की मुख्य परीक्षा में भी शामिल हुए हैं।
अगर ऐसे अभ्यर्थी आयोग में आवेदन देते हैं कि पीसीएस-2022 की मुख्य परीक्षा में उनका अभ्यर्थन निरस्त कर दिया जाए तो स्पर्धा कम हो जाएगी और अन्य अभ्यर्थियों के लिए चयन के अवसर बढ़ जाएंगे। आयोग ने ऐसे अभ्यर्थियों को अभ्यर्थन वापसी का विकल्प दे दिया है। अगर अभ्यर्थी आवेदन देते हैं तो मुख्य परीक्षा में उनका अभ्यर्थन निरस्त हो जाएगा और अन्य अभ्यर्थियों को राहत मिलेगी।
समय से रिजल्त आता तो आवेदन की जरूरत ही न पड़ती
पीसीएस-2021 का इंटरव्यू 21 जुलाई से पांच अगस्त तक आयोजित किया गया था। अमूमन इंटरव्यू के बाद 10 से 15 दिनों में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग अंतिम चयन परिणाम जारी कर देता है, लेकिन पूर्व सैनिकों को पांच फीसदी आरक्षण संबंधी मामला कोर्ट में चला गया और आयोग को परिणाम रोकना पड़ा। अगर यह विवाद न होता तो आयोग अगस्त में ही परिणाम जारी कर देता और उच्च पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की पीसीएस-2022 की मुख्य परीक्षा में शामिल होने की उम्मीद कम रह जाती, जिसका आयोजन 27 सितंबर से एक अक्तूबर तक किया गया था।