सरकारी विभागों में आला अफसरों से लेकर बाबुओं तक का फटाफट हस्ताक्षर काफी चर्चा में रहता है। विभाग वालों के साथ अब तो आम लोग भी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर को चिड़िया बैठाने के नाम से जानने लगे हैं। अफरातफरी का हस्ताक्षर कई बार बाद में मुसीबत का सबब बनता है। सरकारी दस्तावेजों, फाइलों, प्रपत्रों, टेंडर प्रक्रिया, एनओसी आदि में विवाद होने पर हस्ताक्षर का गुणाभाग किरकिरी कराता है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में हस्ताक्षर को लेकर सख्त आदेश जारी हुए हैं। कहा गया है कि हस्ताक्षर में लापरवाही बरतने पर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
असल में कई अफसर और कर्मचारी कई प्रकार से सिग्नेचर करते हैं। फाइलों पर अलग-अलग तरह का सिग्नेचर करना मना है। कहीं-कहीं तो अहम दस्तवेजों में पूरा सिग्नेचर करने के बजाय शॉर्टकट से काम चला लेते हैं। पेच फंसता है तो फाइलें इधर से उधर दौड़ने लगती हैं। प्रयागराज में लोक निर्माण विभाग के सभी खंडों में हर रोज सैकड़ों दस्तावेजों पर हस्ताक्षर होते हैं। अब सर्कुलर जारी कर कहा गया कि अफसर से लेकर कर्मचारी अपना एक ही हस्ताक्षर करें। यह भी कहा गया है कि अफसरों, अधीनस्थों, कर्मचारियों के हस्ताक्षरों की स्कैन कॉपी रिकार्ड में जरूर रखी जाए। उसी सिग्नेचर का इस्तेमाल फाइलों पर हो। हस्ताक्षर तो साफ हो ही उसके साथ तारीख भी साफ तरीके से अंकित करें। कहा गया है कि कई मामलों में इसे गंभीर अनियमितता माना गया है।