केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के प्रदर्शन श्रेणी सूचकांक (पीजीआई) 2020-21 में छह राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश ने स्तर-2 (एल-2) की सर्वश्रेष्ठ रेटिंग प्राप्त की है, जो स्कूली शिक्षा प्रणाली के साक्ष्य-आधारित व्यापक विश्लेषण के लिए अद्वितीय सूचकांक है। इसमें बताया गया कि कोई भी राज्य हालांकि अब तक एल-1 का सर्वश्रेष्ठ स्तर हासिल नहीं कर पाया।
सात राज्य/केंद्र शासित प्रदेश जिन्होंने 2020-21 में एल-2 हासिल किया है, वे केरल, पंजाब, चंडीगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और आंध्र प्रदेश हैं। गुजरात, राजस्थान और आंध्रप्रदेश एल-2 स्तर पर पहुंचने वाले नए राज्य हैं।
नवगठित केंद्र शासित प्रदेश, लद्दाख ने 2020-21 में पीजीआई के सन्दर्भ में स्तर-8 से स्तर-4 हासिल करके अपने प्रदर्शन में महत्वपूर्ण सुधार किया है, अर्थात 2019-20 की तुलना में 2020-21 में उसने अपने अंकों में 299 अंकों का सुधार किया है, जो एक वर्ष में अब तक का सबसे अधिक सुधार है। पीजीआई संरचना में 70 संकेतकों के साथ 1000 अंक शामिल किए गए हैं, जिन्हें 2 श्रेणियों- परिणाम और शासन प्रबंधन (जीएम)- में बांटा गया है। इन श्रेणियों को आगे पांच उप-श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जो सीखने के परिणाम (एलओ), पहुंच (ए), अवसंरचना और सुविधाएं (आईएफ), समानता (ई) और शासन प्रक्रिया (जीपी) हैं। पिछले वर्षों की तरह पीजीआई 2020-21 ने राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को दस श्रेणियों में वर्गीकृत किया है।
उत्तर प्रदेश स्तर-3 में
उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पुडुचेरी, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, और दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव ने 851 और 900 के बीच स्कोर के साथ स्तर-3 हासिल किया