एक प्रश्न के उत्तर पर विवाद के चलते अंक नहीं पाने पर चयन से बाहर हुए 69,000 शिक्षक भर्ती के करीब एक हजार अभ्यर्थियों को जल्द नियुक्ति मिलने की उम्मीद जगी है। हाई कोर्ट ने उत्तरकुंजी विवाद में एक अंक के चलते चयन से वंचित याचिकाकर्ता अपीलकर्ता को एक अंक देकर शिक्षक पद पर चयन करने के आदेश का अनुपालन नहीं करने पर नाराजगी जताई है। उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) सचिव को अनुपालन का हलफनामा देने का अवसर दिया है।
भर्ती में पीएनपी की उत्तरकुंजी के उत्तरों पर अभ्यर्थियों ने आपत्ति की थी। हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। कोर्ट की डबल बेंच ने एक प्रश्न के उत्तर के चारों विकल्प को गलत मानते हुए एक अंक देने का आदेश दिया था। कहा था कि 25 अगस्त 2021 तक के उन याचियों अपीलकर्ताओं का चयन करें, जो एक अंक से वंचित रह गए। हाई कोर्ट के आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट गई सरकार की अपील खारिज हो गई। कोर्ट ने याची की ओर से लगाई गई अवमानना याचिका पर पीएनपी सचिव को आदेश का पालन कर एक माह के भीतर अनुपालन हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। प्रतियोगी दुर्गेश शुक्ल के मुताबिक प्रश्न के उत्तर का अंक नहीं देने से करीब 1000 अभ्यर्थी चयन से बाहर हो गए थे। हाई कोर्ट के आदेश से चयन की उम्मीद है।
यह था प्रश्न
शैक्षिक प्रशासन उपयुक्त विद्यार्थियों को उपयुक्त शिक्षकों द्वारा समुचित शिक्षा प्राप्त करने योग्य बनाता है, जिससे वे उपलब्ध अधिक साधनों का उपयोग करके अपने प्रशिक्षण से सर्वोत्तम को प्राप्त करने में समर्थ हो सकें”, यह परिभाषा दी गई है….
उत्तर विकल्प- (1) एसएन मुखर्जी द्वारा ( 2 ) कैम्बेल द्वारा (3) वेलफेयर ग्राह्म द्वारा ( 4 ) डा. आत्मानंद मिश्रा द्वारा |