‘तालाब बनाएं, स्कूलों को गोद लें’
मेरठ। प्रधानमंत्री ने प्रत्येक जिले में 75 तालाबों के निर्माण को कहा। क्या विश्वविद्यालय जिले में नहीं आते। विवि अपने यहां भी तालाब निर्माण की सोचें। गांवों को गोद लेकर वहां तालाब बनवाएं। स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लें। वहां बच्चों के साथ समय बिताएं। उनका मार्गदर्शन करें। प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत और उज्जवला गैस के लाभार्थियों पर रिसर्च होनी चाहिए। चौधरी चरण सिंह के नाम पर बना यह विवि इसके लिए पहल करे। यह पूरा पश्चिम क्षेत्र समृद्धि वाला है। इस क्षेत्र को आगे आना चाहिए। शिक्षक छात्रों को लाभार्थियों तक भेजें। रिसर्च रिपोर्ट तैयार करें। पता लगाएं कि उनके जीवन में कोई बदलाव आया है या नहीं। शिक्षक एकजुट होकर काम करें। ऐसा करने से ही छात्रों का भला होगा।
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के 34वें दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने अपने दीक्षोप्देश में हर पहलू को छुआ। शिक्षकों को भी सीख दी, छात्रों को भी। कुलपतियों को चेतावनी भी। कहा कि विश्वविद्यालय चारदीवारी से बाहर निकलें। समाज में जाएं। कुलाधिपति ने कहा शिक्षकों की उदासीनता का नुकसान छात्र भुगतते हैं और आखिर में देश। नैक फीडबैक में छात्रों की नकारात्मक टिप्प्णियों पर कुलाधिपति ने खुलकर बात कही। कहा कि एक छोटी से गलती लाखों छात्रों के भविष्य को संकट में डालती है। छात्र नैक में सुझाव देते हुए सकारात्मक फीडबैक दें ताकि विवि की छवि बेहतर हो।