लखनऊ। एसआई भर्ती परीक्षा 2020-21 में एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। हुसैनगंज थाने में 11 के खिलाफ केस दर्ज कर तीन को गिरफ्तार किया गया है।
यह कार्रवाई उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर पर की गई। मामले में जौनपुर के अभ्यर्थी रितेश कुमार व गिरोह के प्रतापगढ़ निवासी अतुल यादव, किला चौराहा आशियाना के अजय चौहान, सुल्तानपुर के वीके सिंह उर्फ बृजीत सिंह, बलिया के शशि, हरियाणा के बृजपाल यादव, गोरखपुर अनुभव सिंह, न्यू सर्वोदय ऑनलाइन सेंटर गोरखपुर से संचालक आनंद कुमार सिंह, सूरज कुमार मिश्रा, आनंद मिश्रा व आईटी सुपरवाइजर जगदीश्वर पांडेय को आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने रितेश, अजय चौहान और बृजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। रितेश ने अजय को 15 लाख रुपये देकर परीक्षा पास की थी। गिरोह के पास से 104 अभ्यर्थियों के हाईस्कूल-इंटर के अंकपत्र व प्रमाण पत्र, कई फर्जी चरित्र प्रमाण पत्र, 104 ब्लॅक चेक आदि बरामद हुई हैं।
दलाल ने रख ली थी मार्कशीट, तो कोर्ट से लाया था भर्ती का आदेश
भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष राजकुमार विश्वकर्मा ने बताया कि रितेश को 7 मई, 2022 को शारीरिक व अभिलेखों के परीक्षण के लिए बुलाया गया था। रितेश शैक्षणिक दस्तावेजों की फोटो कॉपी लेकर पहुंचा तो उसे मूल प्रति लेकर आने को कहा गया। इस पर वह हाईकोर्ट पहुंच गया। वहां से आदेश पारित होने पर फोटो कॉपी के आधार पर रितेश को चयन प्रक्रिया में शामिल किया गया। नियुक्ति पत्र के लिए गत 13 दिसंबर को वह बोर्ड के समक्ष पेश हुआ वहां अधिकारियों ने मूल दस्तावेजों के बारे में कड़ाई से पूछताछ की। इस पर रितेश ने बताया कि उसने भर्ती के लिए अजय चौहान को 15 लाख दिए थे। अजय ने उसके मूल दस्तावेज भी रख लिए थे व साढ़े तीन लाख रुपये की और मांग कर रहा था। इसी लिए फोटो कॉपी के सहारे में शामिल हुआ।
अब तक 120 अभ्यर्थी गिरफ्तार: इस फर्जीवाड़े में अब तक 120 अभ्यर्थी गिरफ्तार हो चुके हैं। मई में लखनऊ पुलिसलाइन्स में आयोजित अभिलेखों के परीक्षण के दौरान भी बड़ी संख्या में हेराफेरी कर पास हुए अभ्यर्थी चिह्नित किए गए थे।