लखीमपुर बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में मानक के अनुसार शिक्षक ही नहीं हैं शहरी क्षेत्रों में तो इनकी हालत बेहद चिंताजनक है। कई विद्यालयों में एक भी शिक्षक तैनात नहीं है। दूसरे संस्थानों से शिक्षकों को बुलाकर कुछ घंटे के लिए पढ़ाई कराई जा रही है। बेसिक शिक्षा विभाग स्कूल ऑफ द वीक की मुहिम चलाकर वाहवाही लूट रहा जबकि आधारभूत आवश्यकताओं पर ध्यान नहीं है। डीएम के गोद लिए स्कूल में भी न प्रधानाचार्य है और न ही शिक्षक।
कलक्ट्रेट गेट के पास स्थित संविलियन विद्यालय सदर को डीएम ने गोद लिया है। यहां बच्चों के बैठने के लिए बैच की व्यवस्था करा दी गई है। इस विद्यालय में कुल 174 बच्चे पंजीकृत हैं, लेकिन यहां प्रधानाध्यापक या शिक्षक तैनात नहीं हैं। सिर्फ एक शिक्षामित्र अर्चना बाजपेयी कार्यरत है। वित्तीय लेनदेन के लिए इस विद्यालय का चार्ज दूसरे विद्यालय के प्रधानाध्यापक फारुख अहमद को दिया गया जो यहां पढ़ाने नही आते।
डीएम द्वारा विद्यालय को गोद लिए जाने के बाद बच्चों को पढ़ाने के लिए वैकल्पिक तौर पर मूक बधिर स्कूल में पढ़ाने वाले दो विशेष शिक्षकों को यहां पर पार्ट टाइम पढ़ाने के लिए अटैच किया गया है, जिनके सहारे किसी तरह विद्यालय चलाया जा रहा है