गाजीपुर, डीवीटी के तहत कुछ विद्यार्थियों के आधार कार्ड बनने में रुचि नहीं लेने वाले शिक्षक शासन के रडार पर हैं। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों के आधार कार्ड सत्यापन में प्रधानाध्यापकों व सहायक अध्यापकों की लापरवाही जारी है। इसके कारण छात्रों के अभिभावकों के खातें में ड्रेस, बैग आदि की धनराशि नहीं भेजी जा सकी। ड्रेस व बैग की धनराशि नहीं मिलने से अभिभावक लाचार है तो शिक्षकों का रवैया मनमाना। अभिभावक भी विद्यालयों में खातें में धनराशि नहीं मिलने की शिकायत प्रधानाध्यापक सहित उच्चाधिकारियों से कर रहे थे। जिसके बाद शिक्षकों के लापरवाही से नाराज बीएसए ने 16 ब्लाकों के 189 विद्यालयों में तैनात 750 प्रधानाध्यापक सहित शिक्षकों का वेतन रोक दिया है। जिससे शिक्षकों में हडकंप मच गया है।
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शासन की ओर से परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के ड्रेस, बैग, जूता व मोजा आदि खरीदने के लिए उनके अभिभावकों के खातें में धनराशि भेजी जाती है। बैंक खातें से जुड़े आधार का सत्यापन की प्रक्रिया विद्यालयों की ओर से चल रहा है। लेकिन शिक्षक सहित प्रधानाध्यापक इसे लेकर गंभीर नहीं है। जिससे छात्रों के ड्रेस सहित अन्य सामान की खरीदारी अभिभावक नहीं कर पा रहे है। विद्यालयों में प्रधानाध्यापक सहित सहायक अध्यापकों की ओर से बैंक खाते से संबद्ध छात्रों के आधार का सत्यापन प्रक्रिया चल रहा है। लेकिन प्रधानाध्यापकों सहित सहायक अध्यापकों की तरफ से छात्रों के आधार सत्यापन में लापरवाही बरती जा रही है। जिसका संज्ञान लेते हुए बीएसए ने 189 विद्यालयों के शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है। इनमें कई विद्यालय ऐसे है जहां के आधे से अधिक छात्रों के आधार कार्ड सत्यापित नहीं हो पाए हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने बताया कि जल्द ही छात्रों के आधार का सत्यापन नहीं हुआ तो इन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों सहित शिक्षकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। जबतक इन विद्यालयों में आधार सत्यापन का कार्य पूर्ण नहीं होगा तबतक अध्यापकों को वेतन नहीं मिलेगा।