अब कोई भी व्यक्ति परिषदीय स्कूलों के बच्चों के साथ अपनी खुशियों को साझा कर सकता है। मध्याह्न भोजन योजना (एमडीएम) में ‘तिथि भोजन’ समान कार्यक्रम के तहत आमजन भागीदारी कर सकते हैं। वह बच्चों को स्कूल में पौष्टिक आहर फल, मेवा आदि के वितरण के साथ भोजन भी बनवा सकते हैं। इस संबंध में निदेशक एमडीएम की ओर से संबंधित अफसरों को पत्र जारी किया गया है।
जिला एमडीएम समन्वयक राजीव त्रिपाठी ने बताया कि छात्रों को पौष्टिक आहर उपलब्ध में आमजन भी भागीदारी कर सकते हैं। तिथि भोजन कार्यक्रम के तहत किसी भी अवसर पर कोई भी व्यक्ति या संस्था द्वारा बच्चों के भोजन की व्यवस्था की जा सकती है। इसके तहत भोजन विद्यालय में ही तैयार होगा। बाहर से पकाया गया भोजन विद्यालय में वितरित नहीं किया जाएगा। साथ ही भोजन का मेन्यू प्रधानाध्यापक/ विद्यालय समिति के सदस्य निर्धारित करेंगे। विद्यालय परिसर से बाहर जाकर भोजन नहीं कराया जा सकता है।
भोज्य पदार्थ के अतिरिक्त अन्य सामग्री सर्विंग प्लेट, डिनरसेट, कैसरोल, बर्तन व प्यूरीफायर इत्यादि विद्यालय को उपलब्ध कराया जा सकता है। विद्यालय के विकास में योगदान भी दे सकते हैं। विद्यालय परिसर में डाइनिंग शेड का निर्माण विद्यालय प्रबंध समिति के माध्यम से करा सकते हैं। यदि भोजन के लिए नकद भुगतान करना चाहते हैं तो उसे एमडीएम निधि में जमा कर सकते हैं। हालांकि जंक फूड, तला भोजन, पूड़ी, पराठा, मिठाई आदि नहीं दी जा सकती।
यदि फल/ सूखे मेवे वितरित किए जाएंगे तो उस दिन मध्याह्न भोजन भी जरूर बनेगा। नियम है कि समुदाय के सदस्यों द्वारा पंडाल, सजावटी वस्तु व माइक का प्रयोग नहीं किया जाएगा। इसका प्रचार-प्रसार भी नहीं करना है। चुनाव आचार संहिता लागू होने पर किसी भी राजनीतिक व्यक्ति की ओर से धनराशि व खाना वितरित नहीं कराया जाएगा।